उलान उदे (रूस)। भारत की युवा मुक्केबाज मंजू रानी को रविवार को महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 48 किग्रा वर्ग में रजत पदक पर संतोष करना पड़ा। दूसरी वरीयता प्राप्त रूस की एकतेरिना पाल्टेचेवा ने फाइनल में मंजू को 4-1 से हराकर स्वर्ण पदक मेजबान देश को दिलाया। मंजू ने पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
मंजू अपनी डेब्यू चैंपियनशिप में ही फाइनल में पहुंचने वाली 18 सालों में पहली भारतीय बनी थी। वे महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम के पसंदीदा इवेंट में उतरी थी और उन्होंने क्वार्टरफाइनल में दुनिया की नंबर एक मुक्केबाज दक्षिण कोरिया की किम हुआंग को हराकर सबसे बड़ा उलटफेर किया था। उन्होंने इसके बाद सेमीफाइनल में थाईलैंड की चुथामत रक्षत को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वे फाइनल में अपने उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाई और उन्हें इसका खामियाजा स्वर्ण पदक गंवाकर उठाना पड़ा।
फाइनल में पहले राउंड में दोनों मुक्केबाजों ने संयमित आक्रमण किए, वे एक-दूसरे की ताकत को परखते हुए नजर आई। रूसी मुक्केबाज के ज्यादा पंचेस इस राउंड में सही बैठे। मंजू ने दूसरे राउंड में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन एकतेरिना उन्हें सफल नहीं होने दे रही थी। स्थानीय दर्शकों की हौसला-अफजाई के बीच एकतेरिना ने अंतिम राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और यह मुकाबला और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
रानी इसी साल मुक्केबाजी में चमकी जब उन्होंने पंजाब की तरफ से खेलते हुए राष्ट्रीय खिताब हासिल किया था। हरियाणा की रहने वाली रानी को जब उसके राज्य से खेलने का मौका नहीं मिला तो उन्होंने पंजाब का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने इसी साल यूरोप के प्रतिष्ठित स्ट्रेंडजा मेमोरियल टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था। हरियाणा के रोहतक जिले के रितहाल फोगाट गांव की रहने वाली मंजू के पिता का कैंसर के कारण साल 2010 में निधन हो गया था, वे सीमा सुरक्षा बल में अधिकारी थी।
भारत को इस चैंपियनशिप में मिले चार पदक :
भारत को इस चैंपियनशिप में मंजू रानी के रजत पदक समेत कुल चार पदक मिले। छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम को 51 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक पर संतोष करना पड़ा। उनके अलावा जमुना बोरो ने 54 किग्रा वर्ग और लोवलिना बोर्गोहेन ने 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक हासिल किए। लोवलिना ने लगातार दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया।