IPL Final 2024 कपीश दुबे, नईदुनिया इंदौर। आईपीएल के मैच इंदौर में न होने की मायूसी इंदौरियों के दिल से रविवार को हुए फाइनल के बाद काफी हद तक कम हो गई। टीम भले इंदौर की न हो, लेकिन जीत की इबारत लिखने वाले से लेकर जिताने वाले चेहरे तक सभी इंदौरी ही थे। कोच चंद्रकांत पंडित ने केकेआर के लिए निर्भीकता, आक्रामकता और समर्पण के साथ खेलने की नीति निर्धारित की थी। पंडित ही मध्य प्रदेश की टीम के भी कोच हैं। वेंकटेश अय्यर को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने की भूमिका दी गई थी। इंदौरी वैसे भी हर भूमिका में खुद को ढाल लेते हैं और वेंकटेश की कमाल की बल्लेबाजी से टीम ने जीत का स्वाद चखा।
चेन्नई में 26 मई को खेले गए आईपीएल के फाइनल में केकेआर ने सनराइजर्स हैदराबाद की टीम को आठ विकेट से हराया। अंतरराष्ट्रीय सितारों से सजी हैदराबाद की टीम पहले खेलते हुए मात्र 113 रनों पर सिमट गई थी। फिर इसी पिच पर वेंकटेश ने सिखाया कि बल्लेबाजी कैसे की जाती है। वेंकटेश ने नाबाद अर्धशतकीय पारी में कुछ यूं शाॅट लगाए, जैसे बच्चों का खेल हो।
वेंकटेश बताते हैं, टीम में हमें जीजी सर (गौतम गंभीर) से नैसर्गिक अंदाज में खेलने की स्वतंत्रता मिली थी। अभिषेक नायर के साथ मैंने बल्लेबाजी सुधार पर बहुत मेहनत की थी, जिसका फायदा मुझे मिला। मुझे टीम में फ्लोटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शुरू के छह-सात मैचों में अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाजी पर भेजा गया और खुशी है कि मैं टीम प्रबंधन की उम्मीदों पर खरा उतरा।
टीम के कोच चंद्रकांत पंडित भी जीत का राज बताते हुए कहते हैं, हमने सत्र के पहले तय किया था कि निडरता से खेलेंगे, आक्रामकता से खेलेंगे और पूरे समर्पण से खेलेंगे। हमारे पास बहुत से विकल्प थे, जिससे हम प्रयोग कर सकते थे। यह टीम गेम है और हर व्यक्तिगत खिलाड़ी का प्रदर्शन टीम के लिए था। हम एक इकाई के रूप में मैदान में नजर आते थे। लीग में हमने सबसे ज्यादा मैच जीते।
वेंकटेश के प्रदर्शन में इस टूर्नामेंट में अलग सा आत्मविश्वास दिखा। इस बारे में पंडित बताते हैं, खिलाड़ी और कोच का एक-दूसरे पर भरोसा महत्वपूर्ण होता है। हम मध्य प्रदेश टीम में साथ वक्त बिता चुके हैं और एक-दूसरे को समझते हैं। वेंकटेश जिम्मेदारी लेना पसंद करता है। वह मुझसे कहता था कि मैं आईपीएल ट्रॉफी जीतना चाहता हूं। अन्य खिलाड़ी भी शुरुआत से ही ट्रॉफी जीतने के लिए ही खेल रहे थे। जो ईमानदारी से प्रयास करते हैं, भगवान भी उनका साथ देता है।
फाइनल के बारे में पंडित कहते हैं, हम हैदराबाद को पहले हरा चुके थे, इसलिए आत्मविश्वास से भरे थे। मगर टी-20 क्रिकेट में चंद गेंदों में परिणाम बदल जाता है। इसलिए हम पूरी तैयारी से मैदान में उतरे थे। मैंने सभी से कहा था कि यह मत सोचो की फाइनल है। इसे किसी अन्य मैच की तरह लें और जैसा अब तक खेले हैं वैसा ही खेलें। चैंपियन की तरह खेले।