रोहतक (एजेंसियां)। भारतीय महिला क्रिकेट टी20 टीम में हाल ही में डेब्यू करने वाली शेफाली वर्मा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। शेफाली ने सूरत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में 33 गेंदों में 46 रन की धमाकेदार पारी खेली और भारत को जीत दिलाई। अब शेफाली को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। शेफाली ने बताया कि उनके लिए क्रिकेट में आना इतना आसान नहीं रहा और रोहतक में लड़कियों के लिए क्रिकेट की एकेडमी नहीं होने के कारण उन्हें लड़का बनकर एकेडमी में एडमिशन लेना पड़ा।
बता दें कि शेफाली को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए हाल ही में मिताली राज के स्थान पर टीम में लिया गया है। अपने डेब्यू मैच में शेफाली बिना खाता खोले आउट हो गई थी, लेकिन दूसरे मैच में उन्होंने 46 रन बनाए।
हरियाणा के रोहतक की रहने वाली शेफाली घरेलू क्रिकेट में प्रभावी प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम में पहुंची। घरेलू क्रिकेट में वे 1923 रन बना चुकीं हैं जिनमें 6 शतक व 3 अर्द्धशतक शामिल हैं। 15 वर्षीय शेफाली भारत की ओर से अंतराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शेफाली ने बताया कि उनके पिता संजीव वर्मा ने क्रिकेट की ओर उनके रुझान को देखते हुए उन्हें पूरा बढ़ावा दिया। पिता शेफाली को क्रिकेट अकादमी में भेजना चाहते थे, लेकिन रोहतक में उस समय लड़कियों के लिए कोई एकेडमी नहीं थी। पिता ने काफी कोशिशें की लेकिन किसी भी एकेडमी में शेफाली को एंट्री नहीं दी गई। ऐसे में शेफाली ने लड़कों की तरह छोटे बाल रखे और फिर लड़का बनकर एकेडमी में प्रवेश लिया। ये चौंकाने वाला खुलासा शेफाली की ओर से किया गया है।
शेफाली के पिता संजीव की रोहतक में ज्वेलरी की छोटी दुकान है। बेटी के क्रिकेटर बनने को लेकर पिता का काफी कुछ सुनना भी पड़ा था क्योंकि उनकी बेटी लड़कों के साथ खेलती थी। पिता संजीव ने बताया कि लड़कों के साथ खेलने के दौरान शेफाली कई बार चोटिल हुई। गेंद उसके हेलमेट पर लगती थी और कई मौकों पर हेलमेट भी टूट जाती थी। उनके पिता ने बताया कि परेशानी यही नहीं थी। शेफाली जब लड़कों के साथ खेलती थी तो उन्हें पड़ोसियों और रिश्तेदारों के ताने भी सुनना पड़ते थे। लेकिन आज लोग शेफाली की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। लोगों ने आईपीएल में शेफाली को पहली बार देखा था और फिर वे परिवार को बधाई देने घर भी आए।
पिता ने बताया कि तमाम विपरित परिस्थितियों में भी शेफाली ने खेलना जारी रखा। 2013 में जब सचिन तेंडुलकर हरियाणा के लाहली में रणजी ट्रॉफी मैच खेलने आए तो शेफाली भी पिता के साथ स्टेडियम गई। सचिन को खेलते देखकर ही शेफाली ने तय कर लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए वो भी क्रिकेटर जरुर बनेगी। शेफाली को भारत की कप्तान मिताली राज के स्थान पर भारतीय टीम में स्थान मिला। मिताली ने टी20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।