मल्टीमीडिया डेस्क। Sunil Gavaskar Became first Cricketer to Complete 10000 Runs: क्रिकेट इतिहास में 7 मार्च को खास महत्व हासिल है, ऐसा इसलिए हैं क्योंकि 1987 में भारत के लिटिल मास्टर Sunil Gavaskar इसी दिन टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने थे। Sunil Gavaskar ने यह उपलब्धि अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ हासिल की थी। उसके बाद कई बल्लेबाजों ने 10000 टेस्ट रन पूरे किए लेकिन Sunil Gavaskar के नाम यह रिकॉर्ड हमेशा बना रहेगा। उनकी यह उपलब्धि इसलिए भी यादगार रहेगी क्योंकि इस दौरान क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा जश्न मनाया गया था और करीब 20 मिनट तक खेल रूका रहा था।
1987 में भारत और पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज का चौथा मैच अहमदाबाद में खेला गया था। इसके तीसरे दिन Sunil Gavaskar ने जैसे ही पहली पारी में अपने स्कोर को 58 पर पहुंचाया, वे टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन पूरे करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए थे। उन्होंने एजाज फकीह की गेंद पर रन लेकर यह उपलब्धि हासिल की थी। Sunil Gavaskar ने अपने 124वें टेस्ट की 212वीं पारी में यह कमाल किया था। उनके द्वारा यह कमाल करते ही मोटेरा स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शक खुशी से झूम उठे थे और जश्न मनाए जाने लगा था। दर्शक इतने खुश थे और उन्होंने इस उपलब्धि को इस तरह सेलिब्रेट किया था कि करीब 20 मिनटों तक खेल रोकना पड़ा था। इसे क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा सेलिब्रेशन माना जाता है क्योंकि इससे पहले या बाद में कभी भी किसी खिलाड़ी की उपलब्धि पर खेल को इतने लंबे समय तक नहीं रोकना पड़ा था।
ब्रैडमैन के शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ा था गावस्कर ने :
भारत और पाकिस्तान के बीच यह टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। यह इन दोनों देशों के बीच लगातार 11वां टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ था। सुनील गावस्कर ने इसके बाद एक टेस्ट मैच खेलकर अपने क्रिकेट करियर को विराम दिया था। उन्होंने 125 टेस्ट मैचों में 51.12 की औसत से 10122 रन बनाए थे। उन्होंने अपने करियर के दौरान सर डॉन ब्रैडमैन के सबसे ज्यादा टेस्ट शतकों (29) के रिकॉर्ड को भी तोड़ा था। सुनील गावस्कर ने अपने करियर में 34 टेस्ट शतक लगाए थे। उनके इस रिकॉर्ड को भारत के ही सचिन तेंडुलकर ने ध्वस्त किया था।
वनडे में प्रभावी रिकॉर्ड नहीं :
सुनील गावस्कर ने 108 इंटरनेशनल वनडे मैच भी खेले, लेकिन इस फॉर्मेट में उनका रिकॉर्ड प्रभावी नहीं रहा। वे इन मैचों में 35.13 की औसत से 3092 रन ही बना पाए। उनके नाम 1 शतक और 27 अर्द्धशतक दर्ज है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अवश्य उन्होंने 348 मैचों में 51.46 की औसत से 25834 रन बनाए थे। उन्होंने इस दौरान 81 शतक और 105 अर्द्धशतक जड़े थे।