Cricket News: भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई दिग्गज खिलाड़ी हुए हैं। जिन्होंने देश के नाम कई खिताब किए हैं। विश्वकप से लेकर टेस्ट में नंबर वन बनने तक भारतीय क्रिकेट टीम ने हर मुकाम हासिल किया है। भारतीय टीम की इस सफलता के पीछे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, जुनून और जज्बा है, लेकिन भारत के कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं। जिन्होंने भले ही कई ट्रॉफी और खिताब देश के नाम किए हो लेकिन आज तक उन्होंने रणजी ट्रॉफी नहीं जीती है। आइए जानते हैं कौन से ये खिलाड़ी।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन का नाम सभी जानते हैं। अपनी कलाइयों के जादू के लिए विश्व में ख्याति प्राप्त करने वाले इस खिलाड़ी को 1985 में बेस्ट इंडियन क्रिकेटर के खिताब से सम्मानित किया गया था। अपने करियर के 99 टेस्ट मैचों में उन्होंने 45.03 के औसत से 22 शतक लगाए लेकिन रणजी का खिताब आज तक अपने नाम नहीं कर पाए। बता दें कि मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1981 में हैदराबाद की तरफ से रणजी में डेब्यू किया था और वर्ष 2000 तक रणजी खेले।
वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज माने जाते हैं। उन्होंने टीम के लिए कई यादगार पारियां खेली हैं। वर्ष 1996 में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले वीवीएस लक्ष्मण अपनी सुपर टाइमिंग के लिए याद किए जाते हैं। वर्ष 1993 में हैदराबाद के लिए डेब्यू करने वाले लक्ष्मण ने 2012 तक रणजी खेला। उन्होंने 5000 से ज्यादा रन भी बनाए जिसमें तीन दोहरे शतक भी शामिल है। लेकिन इसके बावजूद वीवीएस लक्ष्मण रणजी के मैच विनर नहीं बन पाए।
युवराज सिंह को देश उनकी तूफानी बल्लेबाजी और छह छक्कों के लिए याद करता है। युवराज ने 2007 और 2011 के विश्वकप में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने करिअर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का समाना करने के साथ ही कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे। अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट में 11000 रन और 100 विकेट लेने वाले युवी भी रणजी में जीत का स्वाद नहीं चख पाए। 1997 में पंजाब की तरफ से उड़ीसा के खिलाफ डेब्यू करने वाले युवी को रणजी की बदौलत साल 2000 में टीम इंडिया में एंट्री मिल गई, जिसके बाद उन्हें कभी पीछे पलट कर नहीं देखना पड़ा।
महेन्द्र सिंह धोनी विश्व के एक मात्र ऐसे खिलाड़ी जिनकी नेट प्रैक्टिस देखने के लिए हजारों दर्शकों स्टेडियम में पहुंच जाते हैं। धोनी की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है। उन्होंने अपने हुनर के दम पर विश्व क्रिकेट में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। एमएस धोनी दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाते हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप, 2011 का एकदिवसीय वर्ल्ड कप, चैंम्पियन ट्रॉफी जीती है। धोनी की कप्तानी में भारत पहली बार टेस्ट में नंबर वन बना था। धोनी को सबसे अच्छे मैच फिनिशर के तौर पर भी जाना जाता है। बिहार की तरफ से खेलते हुए 2000 में डेब्यू करने वाले धोनी ने अपना पहला रणजी मैच जमशेदपुर में असम के खिलाफ खेला था। रणजी में खेलते हुए ही 2003-2004 में अपनी कड़ी मेहनत के कारण धोनी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी ने किए कीर्तिमान बनाए लेकिन रणजी कि पिच पर जीत की इबादत वो नहीं लिख पाए।