Poonam Yadav ने T20 World Cup में धमाकेदार प्रदर्शन करके जबर्दस्त वाहवाही बटोर ली है। एक वक्त मैच इंडिया के हाथ से बाहर जाता साफ दिखाई दे रहा था लेकिन पूनम ने मैच को वापस अपने खेमे में खींच लिया। क्रिकेट जगत में आज पूनम के चर्चे हो रहे हैं, लेकिन आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि क्रिकेट के मैदान में अपनी काबलियत का लोहा मनवाने वाली पूनम को क्रिकेट खेलना अलॉव नहीं था। उनके पिता ने क्रिकेट पर पाबंदी लगा दी थी। लेकिन क्रिकेटर बनने का जुनून पूनम के सिर पर इस कदर हावी था कि उन्होंने इसकी खातिर घर तक छोड़ दिया था। सफलता के पहले का उनका सफर बहुत घटनाओं से भरा रहा है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं Poonam Yadav के जीवन और करियर की अहम बातें।
- पूनम का जन्म 24 अगस्त 1991 को हुआ था, यही कारण है कि वह 24 नंबर की जर्सी पहनती हैं।
- क्रिकेट के प्रति पूनम का लगाव बचपन से था। महज 8 साल की उम्र में से वह स्टेडियम में जाने लगी थी।
- उनके पिता रघुवीर सिंह सेना के अधिकारी हैं। उन्हें पसंद नहीं था कि पूनम क्रिकेट खेले, इसलिए उन्होंने क्रिकेट से मना कर दिया था।
- पूनम का रहन-सहन शुरू से ही टॉम ब्वॉय की तरह रहा। वह हमेशा लड़कों की तरह कपड़े पहनती थीं और लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी।
- एक तरफ पिता की सख्ती थी, दूसरी तरफ क्रिकेट का जुनून। आखिर पूनम ने एक दिन घर छोड़ दिया था। हालांकि बाद में कोच उन्हें लेकर वापस घर लौटीं। पिता को समझाया और आखिर पिता भी मान गए।
- करियर की शुरुआत में पूनम ने भेदभाव को भी झेला। लिंगभेद एक बड़ी मुश्किल रही। लोग फिकरे कसते थे कि एक लड़की आखिर कैसे क्रिकेट खेलेगी, वह रात को कैसे आना-जाना करेगी। यह बात अलग है कि पूनम ने केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा।
- जब पूनम का सिलेक्शन सेंट्रल जोन टीम के लिए हुआ तो वह यूपी की टीम का अंग बन गई। वर्तमान में वह डोमेस्टिक लेवल पर रेलवे को रिप्रजेंट करती हैं।
- रेलवे से जुड़ना पूनम के लिए अहम रहा। इसके बाद उनका जीवन भी बदला और खेल भी निखरा।
- वर्ष 2013 में पूनम ने बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 क्रिकेट फार्मेट में पर्दापण किया था। इसके एक सप्ताह बाद ही उन्होंने वनडे क्रिकेट में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी थी।
- वर्ष 2014 में पूनम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेला जो कि उनका एकमात्र टेस्ट मैच है।