आपको यह जानकार हैरानी होगी कि भारत के पैसों से पाकिस्तान में खेल हो रहा है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण इन दोनों देशों के बीच पिछले 10 सालों से कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं हो रही है। दोनों देशों की क्रिकेट टीमें वैश्विक अनुबंधों के कारण सिर्फ आईसीसी और एशियाई टूर्नामेंट में ही आमने-सामने आती हैं। पाकिस्तान क्रिकेटर भी आईपीएल में नहीं खेलते हैं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) की 2021 सत्र की प्रायोजक एक ऐसी कंपनी थी जो अपना अधिकतर पैसा भारत से कमाती है।
दरअसल, भारत में इस समय कई सट्टेबाजी ऐप चल रहे हैं जिसमें से एक है स्काई247 डॉट नेट। वेस्टइंडीज के क्यूराको द्वीप से संचालित इस ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के 70 फीसदी ग्राहक भारतीय हैं यानी इस कंपनी की अधिकतर कमाई भारतीय ग्राहकों से होती है। यही कंपनी 2640 करोड़ रुपए ब्रांड वैल्यू वाली पीएसएल की प्रायोजक रही है।
यही नहीं, पिछले साल अबूधाबी में पाकिस्तान की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज की प्रायोजक भी यही सट्टेबाज कंपनी थी। इसके अलावा यह कंपनी पिछले दो साल में लंका प्रीमियर लीग, यूएई और आयरलैंड के बीच खेली गई टी-20 सीरीज, कई टी-10 व टी-20 सीरीज के अलावा भारतीय क्रिकेट के श्रीलंका दौरे की भी प्रायोजक रही है। भारत में सट्टेबाज कंपनियों ने किस हद तक जड़े जमा ली हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ये कंपनियां आईफा अवार्ड तक के प्रायोजकों में शामिल है।
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी को प्रतिबंधित करना है या नहीं?
भारत में फिजिकल सट्टेबाजी को लेकर तो देशभर में पुलिस काफी संजीदा है लेकिन ऑनलाइन सट्टेबाजी को रोकना अभी मुश्किल नजर आ रहा है। 2019 में एक ऐसे ही मुकदमे में दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वो निर्णय ले कि ऑनलाइन सट्टेबाजी को प्रतिबंधित करना है या नहीं। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तब कहा था कि वे ऐसी वेबसाइट को प्रतिबंधित नहीं कर सकते जो विदेश से संचालित है।