मल्टीमीडिया डेस्क। Memorable Mohali Test: यदि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की यादगार टेस्ट जीत की बात की जाए तो सबसे पहले 2001 का कोलकाता टेस्ट याद आता है लेकिन वीवीएस लक्ष्मण ने इसके 9 साल बाद मोहाली में भी टीम इंडिया को कंगारुओं पर शानदार जीत दिलाई थी।
अक्टूबर 2010 में पीसीए स्टेडियम में हुए पहले टेस्ट में भारत को जीत के लिए एक दिन और 17 ओवरों में सिर्फ 216 रन चाहिए थे। शुरू में ऐसा लगा कि मेजबान भारत यह टेस्ट आसानी से जीत लेगा लेकिन चौथे दिन की समाप्ति तक दूसरी पारी में 55 रनों पर 4 विकेट गंवाकर वह संकट में आ चुका था। पीठ दर्द से परेशान चल रहे लक्ष्मण पहली पारी में 10वें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए उतरे थे वे दूसरी पारी में 76 रनों पर 5 विकेट की विषम स्थिति में बल्लेबाजी के लिए उतरे। अंतिम दिन लंच के वक्त भारत 162 रनों पर 8 विकेट खोकर संघर्ष कर रहा था, उसके लिए अच्छी बात सिर्फ यह थी कि रनर लेकर उतरे लक्ष्मण क्रीज पर थे।
लक्ष्मण इसके बाद ईशांत शर्मा (31 रन) को साथ लेकर टीम को जीत की तरफ बढ़ा रहे थे। ईशांत 106 मिनट तक क्रीज पर टिककर 31 रन बना चुके थे और लक्ष्मण के साथ नौवें विकेट के लिए 81 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर चुके थे। टीम को जब जीत के लिए जब 11 रन चाहिए थे तभी बेन हिल्फेन्हास ने ईशांत को आउट कर दिया। ईशांत के आउट होते ही ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदें एक बार फिर जाग गई थी और मेहमान टीम ने दबाव बनाना शुरू किया। पूरे देश की निगाहें अब अंतिम बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर उतरे प्रज्ञान ओझा पर टिक गई थी। लक्ष्मण जैसा शांत क्रिकेटर भी तनाव में आ चुका था और वे जोर-जोर से अपने रनर सुरेश रैना और प्रज्ञान को निर्देश दे रहे थे। भारी दबाव को झेलते हुए भारत ने यह टेस्ट 1 विकेट से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। लक्ष्मण जीत के हीरो रहे, जिन्होंने दर्द से जूझते हुए 182 मिनट तक क्रीज पर टिककर 73 रनों की नाबाद पारी खेली।
मैच का संक्षिप्त स्कोर कार्ड :
ऑस्ट्रेलिया पहली पारी : 428 (शेन वॉटसन 126, टिम पेन 92, रिकी पोंटिंग 71, मिचेल जॉनसन 47; जहीर खान 94/5, हरभजन सिंह 114/3)।
भारत पहली पारी: 405 (सचिन तेंडुलकर 98, सुरेश रैना 86, राहुल द्रविड़ 77, वीरेंद्र सहवाग 59; मिचेल जॉनसन 64/5)।
ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी : 192 (शेन वॉटसन 56, साइमन कैटिच 37; जहीर खान और ईशांत शर्मा 3-3 विकेट)।
भारत दूसरी पारी : 216/9 (वीवीएस लक्ष्मण 73 नाबाद, सचिन तेंडुलकर 38, ईशांत 31; बेन हिल्फेन्हास 57/4 और डग बोलिंगर 32/3)।