प्री-मेच्योर बेबी से मेच्योर क्रिकेटर तक, करूण के संघर्ष की दास्तां
इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में सोमवार को तिहरा शतक लगाकर इतिहास रचने वाले करूण नायर का बचपन थोड़ा संघर्षमय गुजरा था।
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Publish Date: Tue, 20 Dec 2016 12:06:03 PM (IST)
Updated Date: Tue, 20 Dec 2016 02:37:13 PM (IST)
चेन्नई। इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में सोमवार को तिहरा शतक लगाकर इतिहास रचने वाले करूण नायर का बचपन थोड़ा संघर्षमय गुजरा था। चूंकि करूण का जन्म आठवें महीने में ही हो गया था, इसके चलते वे शारीरिक रूप से थोड़े कमजोर थे और उनकी अतिरिक्त देखरेख के लिए कहा गया था।
25 वर्षीय करूण ने चेन्नई टेस्ट मैच में सोमवार को 303 रन बनाकर इतिहास रचा था। उनके तिहरे शतक की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 7 विकेट पर 759 रन बनाकर पारी घोषित की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार करूण के पिता कलाधरन ने बताया, ‘चूंकि करूण का जन्म आठवें महीने में ही हो गया, इसलिए इस प्री-मेच्योर डिलेवरी के चलते वे शारीरिक रूप से थोड़े कमजोर थे। उनके फेफड़ों की केपिसिटी थोड़ी कमजोर थी और इसके चलते बचपन में उनका बहुत ज्यादा ध्यान रखने को कहा गया था।‘
कलाधरन के अनुसार, करूण को फिट बनाए रखने के लिए डॉक्टरी सलाह पर हम मैदान में ले गए। वैसे हम यह चिंता रहती थी कि वो मैदान पर गिर नहीं पड़े या उसे कोई चोट नहीं लग जाए। हमें डर लगा रहता था, इसलिए शुरू में तो हमने सोचा भी नहीं था कि वो भारत का प्रतिनिधित्व कर पाएगा।
उन्होंने कहा, धीरे-धीरे करूण की फिटनेस स्थिति सुधरती गई। यह पहला मौका था जब बेंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उनके पिता उन्हें खेलते हुए देखने को पहुंचे। मां प्रेमा ने तो उन्हें चेन्नई में ही पहली बार लाइव खेलते हुए देखा।
कलाधरन ने कहा, मैं करूण के मैच लाइव नहीं देखता था, क्योंकि मुझे डर रहता था कि वो आउट हो जाएगा। मैं हमेशा ही मैच के हाइलाइट्स देखता था। पिता तो अभी भी करूण ने 2015 रणजी ट्रॉफी फाइनल में तमिलनाडु के खिलाफ 328 रनों की पारी को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।