धर्म डेस्क, इंदौर। Vighnaraj Sankashti Chaturthi 2023: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखा जाता है। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की आराधना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश की पूजा और व्रत किया जाता है। चतुर्थी पर चंद्र देव की पूजा का भी महत्व होता है। गणेश जी की कृपा से सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
आश्विन माह की चतुर्थी तिथि 02 अक्टूबर 2023 की सुबह 05 बजकर 06 मिनट से शुरू हो रही है। वहीं, दूसरे दिन 3 अक्टूबर, मंगलवार को सुबह 03 बजकर 41 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। ऐसे में यह चतुर्थी 02 अक्टूबर, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
संकष्टी चतुर्थी के दिन जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें। भगवान गणेश का अभिषेक कर, उन्हें वस्त्र, जनेऊ, चंदन, लाल फूल, माला आदि चढ़ाएं। गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। पूजा के दौरान ओम गं गणपतये नमो नमः मंत्र का जाप करते रहें। रात के समय चंद्र देव की पूजा जरूर करें। चंद्र देव को दूध या जल में अक्षत और सफेद फूल डालकर अर्घ्य दें।
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