Vat Savitri Vrat 2023 Niyam: शादी के बाद पहली बार करने जा रही हैं वट सावित्री व्रत, तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान, देखें पूजा सामग्री
वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र अखंड सौभाग्य एवं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए करती हैं।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Wed, 10 May 2023 03:09:27 PM (IST)
Updated Date: Wed, 10 May 2023 03:09:27 PM (IST)
Vat Savitri Vrat 2023 Niyam: हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और पेड़ की परिक्रमा करते हुए उसके चारों और कलावा बांधती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत महत्व रखता है।
वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र अखंड सौभाग्य एवं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए करती हैं। इस साल वट सावित्री व्रत 19 मई 2023, शुक्रवार के दिन रखा जा रहा है। इस बार यह व्रत उन महिलाओं के लिए बहुत खास है जो कि शादी के बाद पहली बार यह व्रत रखने जा रही है। उनके मन में यह कई सवाल रहते हैं कि आखिर कैसे व्रत करें, क्या सामग्री लें और क्या हैं व्रत के नियम? तो आइए जानते हैं उन बातों के बारे में-
वट सावित्री व्रत का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 18 मई 2023 को शाम 9 बजकर 42 मिनट पर शुरु होगी और 19 मई 2023 को रात 9 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन होगा। वट सावित्री पूजा मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 43 मिनट से सुबह 08 बजकर 58 मिनट।
वट सावित्री व्रत के लिए पूजा सामग्री
सावित्री-सत्यवान की मूर्ति, कच्चा सूत, अक्षत, सिंदूर, सुहाग का सामान, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप-अगरबत्ती, मिट्टी का दीपक, घी, बरगद का फल, मौसमी फल, फूल, इत्र, सुपारी, रोली, बताशे, सवा मीटर कपड़ा, नारियल, पान, धुर्वा घास, नगद रुपये और घर पर बने पकवान और मिष्ठान आदि।
वट सावित्री व्रत के नियम
- यदि आप इस साल पहली बार वट सावित्री व्रत रखने जा रही हैं तो सबसे पहले स्नान के बाद लाल रंग की साड़ी पहने और श्रृंगार जरूर करें।
- इसके बाद पूजा घर और वट वृक्ष के नीचे पूजा स्थान की साफ सफाई करें और फिर उस स्थान को गंगाजल के छिड़काव से पवित्र कर लें।
- इतना करने के बाद वट वृक्ष और बरगद के पेड़ की पूजा करें और पूजा के समय धूप, दीप अवश्य जलाएं।
- इसके बाद वट वृक्ष को जल अर्पित करें और उसके चारों तरफ 7 बार कच्चा धागा लपेटकर परिक्रमा करें और अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करें।
- वट वृक्ष के पत्तों की माला बनाकर पहने और वट सावित्री व्रत कथा जरूर सुनें। इसके बाद चने का बायना व कुछ पैसे अपनी सास को दें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
- माना जाता है कि इस वट सावित्री व्रत का पारण 11 भीगे हुए चने खाकर किया जाता है।