धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एक माह में दो एकादशी व्रत होते हैं और सभी का अपना अलग धार्मिक महत्व है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 6 फरवरी को षटतिला एकादशी व्रत है। यहां जानें पूजा का मुहूर्त, पौराणिक महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानकारी।
यदि आप भी षटतिला एकादशी व्रत रख रहे हैं तो कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। हर साल षटतिला एकादशी व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन पड़ती है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी 06 फरवरी 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी।
पंचांग के मुताबिक षटतिला एकादशी व्रत व्रत का आरंभ 05 फरवरी 2024 शाम 05:25 बजे हो जाएगा और इस तिथि का समापन 06 फरवरी 2024 शाम 04:07 बजे बजे। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, षटतिला एकादशी व्रत 6 फरवरी को रखना ही शुभ होगा। 6 फरवरी को अभिजीत मुहूर्त का समय दोपहर 12:18 बजे से लेकर दोपहर 01:02 बजे तक रहेगा। वहीं ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 05:32 बजे से सुबह 06:20 बजे तक रहेगा।
पौराणिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु और तुलसी पूजन करना चाहिए। षटतिला एकादशी व्रत करने से रोगों का नाश होता है। इस दिन श्रीहरि के मंत्रों का जप करना चाहिए और प्रभु का ध्यान करना चाहिए।
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