Shani Jayanti 2022: शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है। वे कर्मफल दाता है। वे व्यक्ति को उसके कर्मो के हिसाब से ही फल देते है। शनिदेव जब किसी से नाराज होते है तो वे उसे कठोर दंड देते है। साथ ही जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा होती है वे उसे रंक से राजा बना देते है। शनि जयंती को शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही खास माना गया है। मान्यता है कि शनि जयंती के दिन किए गए पूजा-पाठ और उपायों से शनिदेव शीघ्र ही प्रसन्न होते है। इस बार शनिदेव शनि जयंती पर अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान है। शनि जयंती पर ग्रहों का यह संयोग करीब 30 साल के बाद बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। और वट सावित्री व्रत, सोमवती अमावस्या भी इसी दिन है।
शनि जयंती पर शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। क्योंकि इसी दिन शनिदेव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाते है। इस साल शनि जयंती 30 मई 2022 सोमवार को आ रही है। शनि जयंती का शुभ मुहूर्त 29 मई को दोपहर 02:54 से प्रारंभ होकर 30 मई को शाम 04:59 पर समाप्त होगा।
इन राशि वालों के लिए खास होगी शनि जयंती
कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर फिलहाल शनि की ढैय्या चल रही है। कुंभ, मकर और मीन राशि वालो पर इस समय शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ऐसे में इन 5 राशि वालों के लिए यह शनि जयंती बहुत ही खास होने वाली है। शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वाले लोग अगर सच्चे मन से शनिदेव की अराधना करते है तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी। साथ ही इस दिन शनिदेव की पूजा करने वाले व्यक्ति पर शनिदेव की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है।
इन उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न