Shiv Puja in Sawan । सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। सावन के महीने के हर सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है। भगवान शिव की पूजा में कुछ नियम होते हैं, जिन्हें पालन करना बहुत जरूरी होता है। इन नियमों का पालन करने से भगवान शिव हमेशा हमारी कृपा करते हैं। इसी के साथ कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जो भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि सावन माह में भगवान शिव को किन चीजों को अर्पित नहीं करनी चाहिए -
शिवलिंग पर कभी भी नारियल या नारियल का पानी नहीं अर्पित किया जाता है। देवताओं को चढ़ाया जाने वाले प्रसाद ग्रहण करना आवश्यक होता है, लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है, उन्हें कभी भी ग्रहण नहीं किया जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को केवल श्वेत रंग का पुष्प ही अर्पित करना चाहिए। केतकी का फूल, कनेर और कमल का पुष्प नहीं अर्पित करना चाहिए।
भगवान शिव को कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे सौंदर्य का प्रतीक भी कहा गया है। इसलिए शिवलिंग पर स्त्री से संबंधित वस्तु नहीं अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग पर कोई भी स्त्री तत्व नहीं अर्पित किया जाता है। सिंदूर, कुमकुम या रोली सुहाग और सौंदर्य के प्रतीक माने जाते हैं।
भगवान शिव को तुलसी की पत्तियां भी अर्पित नहीं करना चाहिए। तुलसी को विष्णु भक्ति का प्रतीक माना जाता है और उसे भगवान विष्णु की पूजा में ही अर्पित करना चाहिए।
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