Roop Chaturdashi 2023: रूप चौदस आज, उबटन के साथ करें यह उपाय, निरोगी रहेगी काया
रूप चौदस या नरक चतुर्दशी के दिन भगवान वामन और राजा बलि का स्मरण करना चाहिए। साथ ही उनकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में मां लक्ष्मी का स्थायी रूप में आगमन होता है।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sat, 11 Nov 2023 09:26:16 AM (IST)
Updated Date: Sat, 11 Nov 2023 11:40:55 AM (IST)
HighLights
- इस दिन उबटन लगाकर स्नान करने से रंग, रूप में निखार आता है और आयुष्य, आरोग्य में बढ़ोतरी होती है।
- शाम को गोधूलि बेला में अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में चौमुखा दीप गेंहू की ढेरी के ऊपर जलाएं।
- इससे यम के भय और नरक में जाने से मुक्ति मिलती है, साथ ही आयुष्य बढ़ता है।
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। दीपोत्सव का दूसरा दिन यानी रूप चौदस का पर्व शनिवार को मनाया जा रहा है। सौंदर्य और आरोग्य के इस महापर्व पर लोग उबटन लगाकर स्नान कर रहे हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन उबटन लगाकर स्नान करने से रंग, रूप में निखार आता है और आयुष्य, आरोग्य में बढ़ोतरी होती है।
किया था नरकासुर का वध
इस दिन श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम दैत्य को मारकर लोगों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी। नरकासुर के मरने की खुशी में लोगों ने दीप जलाकर उत्सव मनाया गया था। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं।
चतुर्मुखी दीपक लगाने से दूर होगा भय, बढ़ेगा आयुष्य
पंडित विष्णु राजौरिया और पंडित रामजवीन दुबे ने बताया कि इस दिन उबटन स्नान का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन शाम को गोधूलि बेला में अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में चौमुखा दीप गेंहू की ढेरी के ऊपर लगाना चाहिए। इससे यम के भय और नरक में जाने से मुक्ति मिलती है, साथ ही आयुष्य बढ़ता है।
उबटन की महत्ता
उबटन से स्नान करने का धार्मिक और पौराणिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस समय यह मौसम परिवर्तन के दिन होते हैं, ऐसे में त्वचा पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं और त्वचा शुष्क होने लगती है। आयुर्वेदिक डाक्टरों के अनुसार यह ऋतु का संधि काल होता है, ऐसे समय में त्वचा में रूखापन आ जाता है। ऐसे में दूध, दही, तेल, हल्दी, बेसन का उबटन त्वचा के लिए फायदेमंद है, इससे रूखापन नहीं आता। इसलिए उबटन का उपयोग किया जाता है।
गौधूलि बेला में करें पवनपुत्र का पूजन
पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि रूप चतुदर्शी में शाम को गौधूलि बेला में पवनपुत्र हनुमान जी के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। रूप चौदस या नरक चतुर्दशी के दिन भगवान वामन और राजा बलि का स्मरण करना चाहिए। साथ ही उनकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में मां लक्ष्मी का स्थायी रूप में आगमन होता है।
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