धर्म डेस्क, इंदौर। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार पहली बार रामनवमी पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में इस बार अयोध्या में रामनवमी पर्व मनाने को लेकर भी एक अलग ही उल्लास और उत्साह का माहौल है। हिंदू पंचांग के अनुसार, राम नवमी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल रामनवमी 16 अप्रैल को दोपहर 01.23 बजे आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, रामनवमी पर्व 17 अप्रैल को ही मनाया जाएगा।
अयोध्या में इस बार रामनवमी पर्व को लेकर विशेष तैयारियों की जा रही है। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसके लिए अभी से तैयारियों में जुट गया है। एक अनुमान के मुताबिक, इस बार रामनवमी पर 50 लाख से ज्यादा राम भक्त पहुंच सकते हैं। इसके लिए चप्पे चप्पे पर CCTV से निगरानी की जा रही है और पेट्रोलिंग टीम चौक चौराहों पर नजर रख रही है।
अयोध्या में हर साल 9 दिन रामनवमी मेला लगता है। रामनवमी को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। फिलहाल रोज करीब 2 से 3 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं और जब से राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, तब से करीब 1 करोड़ से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं। वहीं राम मंदिर के लिए लोग दिल खोलकर दान कर रहे हैं। अभी तक ट्रस्ट को 52 करोड़ रुपए का दान प्राप्त हुआ है। कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी पहले ही बता चुके हैं कि 22 जनवरी को ही एक दिन में कुल 6 करोड़ रुपए का दान प्राप्त हुआ था।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के 7 वें अवतार हैं और उनका जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को कर्क लग्न, अभिजीत मुहूर्त और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस समय भगवान राम का जन्म हुआ था, तब सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह का विशेष योग बना था। ये सभी ग्रह उस दौरान अपनी-अपनी उच्च राशि में मौजूद थे।