धर्म डेस्क, इंदौर। Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, पितृ पक्ष का समय पितरों को समर्पित माना जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। श्राद्ध कर्मों से पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू धर्म में तुलसी का बेहद महत्व होता है। यदि पितृ पक्ष के दौरान तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय कर लिए जाए, तो खूब पुण्य मिलता है। बाकी दिनों में भी तुलसी की सेवा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पास एक कटोरी रखें और हथेली पर गंगाजल लेकर धीरे-धीरे कटोरी में डालें। इस दौरान आप अपने पितरों को याद करें और 5 से 7 बार उनका नाम लें। बाद में इस जल का पूरे घर में छिड़काव करें और बचा हुआ जल तुलसी में डाल दें।
गंगाजल का छिड़काव करने से घर की सारी नकारात्मकता दूर होती है। इस बात का ध्यान रखें कि रविवार और एकादशी के दिन इस उपाय को न करें। इस दिन तुलसी को भी जल अर्पित नहीं किया जाता। पितृपक्ष में इस उपाय को करने से काफी लाभ मिलता है।
पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन तुलसी की पूजा करना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पास दीपक भी जलाना चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान खास मंत्र का जाप भी करना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
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