नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर 15 नवंबर को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में सुबह पर्व स्नान तथा शाम को दीपदान होगा। दीपों की जगमगाहट से शिप्रा का आंचल आकाश गंगा की तरह दमकेगा। इस दिन से शिप्रा तट पर कार्तिक मेले का शुभारंभ भी होगा।
ज्योतिर्विद पं. हरिहर पंड्या ने बताया कार्तिक मास में तीर्थ स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। जो श्रद्धालु इस एक माह में तीर्थ स्नान व दीपदान करने का धर्मलाभ नहीं ले पाए हैं, वे कार्तिक पूर्णिमा पर लाभ ले सकते हैं। वैसे अभी तक बहुत ज्यादा ठंड नहीं पड़ने की वजह से घाटों पर ज्यादा भीड़ पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने से पितरों का मार्ग आलोकित होता है और वे प्रसन्न होकर वंशजों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन शिप्रा स्नान के बाद पितृकर्म करने से भी लाभ होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर देवालयों में दीपदान का विशेष महत्व है।
कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा के रामघाट स्थित श्री गणपतेश्वर महादेव मंदिर में छप्पन पकवानों का महाभोग लगाया जाएगा। पुजारी पं. गौरव उपाध्याय ने बताया शाम को गोधूलि बेला में भगवान को छप्पन पकवानों का महाभोग लगाकर महाआरती की जाएगी। दीपपर्व पर मंदिर में दीपमालिका भी सजाई जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा पर भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में दीपदान का समापन होगा। राघव पंडित दास प्रभु ने बताया कार्तिक मास में प्रतिदिन शाम को भक्त भगवान राधा मदनमोहन को दीपदान करते हैं।
मंदिर द्वारा भक्तों के लिए निशुल्क दीपदान की व्यवस्था की जा रही है। कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का समापन होगा। भक्तों को शाम 7.30 बजे महाप्रसादी का वितरण होगा।
स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज की संस्था प्रभु प्रेमी संघ परिवार द्वारा कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के अनुयायियों द्वारा देवास रोड स्थित निजी गार्डन में 15 नवंबर को शाम 4 बजे कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव, दीपावली मिलन समारोह आयोजित किया जाएगा।
इसके साथ ही भजन, छप्पन भोग, दीपदान एवं गरबे भी होंगे। यह जानकारी संस्था अध्यक्ष अजय पांडे और हेमा केसरिया ने दी है।