Jaya Ekadashi 2023: जया एकादशी व्रत आज, करें यह उपाय तो बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा
मान्यता है कि जया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं, साथ ही उसे पिशाच योनि में जाने का भय नहीं रहता।
By Lalit Katariya
Edited By: Lalit Katariya
Publish Date: Wed, 01 Feb 2023 06:15:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 01 Feb 2023 06:15:00 AM (IST)
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ शुक्ल एकादशी तिथि को जया एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसे भूमि एकादशी या भीष्म एकादशी भी कहते हैं। इस बार यह यह तिथि 01 फरवरी को यानी आज है। पद्म पुराण के मुताबिक विधि-विधान पूर्वक जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे अमोघ फल की प्राप्ति होती हैं। यह भी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को भूत-प्रेत या पिशाच योनि में जाने का भय नहीं रहता।
शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ शुक्ल एकादशी तिथि 31 जनवरी, मंगलवार को 11 बजकर 53 मिनट से आरंभ होकर 01 फरवरी, बुधवार को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक 01 फरवरी को जया एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन प्रातः 7.10 बजे से अर्द्धरात्रि बाद 3.23 बजे तक यानी पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जिसे बेहद शुभ माना गया है। इस शुभ घड़ी में आप कभी भी पूजन कर सकते हैं। इसके अलावा आज ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सुबह 11:30 बजे तक इंद्र योग भी रहेगा। इस व्रत का पारण 02 फरवरी को होगा।
इस व्रत का महत्व
जैसा इसके नाम से पता चलता है कि जया एकादशी व्रत व्यक्ति को सभी कार्यों में विजय दिलाता है और बेहद कल्याणकारी माना गया है। जया एकादशी के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि इस व्रत करने से ‘ब्रह्म हत्या’ जैसे पाप से भी मुक्ति मिलती है। विधि-विधानपूर्वक इस व्रत में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही वह पृथ्वी लोक के सभी सुखों को भोगकर अंत में बैकुंठ धाम को जाता है।
एकादशी पर करें यह उपाय
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु का आह्वान करें और व्रत का संकल्प लें। जया एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी पूजन करें। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनका अभिषेक करें। उन्हें पीले वस्त्र, पीले फूल, पीले रंग की पुष्प माला, नैवेद्य, फल आदि अर्पित करें। एकादशी व्रत की कथा सुनें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। तुलसी की माला से बीज मंत्र का जाप करें। भगवान के पूजन के बाद हो सके तो गाय को चारा खिलाएं तथा गरीबों को वस्त्र, भोजन आदि का दान करें। जया एकादशी पर किसी मंदिर में स्थित पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं। इसके बाद उस वृक्ष की परिक्रमा कर उसके समीप देसी घी का दीपक जलाएं। तत्पश्चात् पीपल में स्थित भगवान श्रीहरि का ध्यान करते हुए उनसे अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें। इस उपाय से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस तिथि को तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। सिर्फ एक वक्त भोजन (फलाहार) करें।
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