Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार में गुरुवार से कुंभ मेले की विधिवत शुरुआत होगी। कोविड-19 संक्रमण के कारण इस बार कुंभ मेले की अवधि 30 दिन ही रहेगी। इस दौरान तीन शाही और दो पर्व स्नान होंगे। एक अप्रैल से संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र मेला प्रशासन के अंतर्गत आ गया है। हरिद्वार से देवप्रयाग तक फैले करीब 670 हेक्टेयर के कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए करीब 12 हजार पुलिसकर्मियों और चार हजार अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। जबकि 200 चिकित्सकों, 1500 पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनात के साथ 613 बेड के 38 छोटे-बड़े अस्थायी अस्पताल भी बनाए गए हैं। नैनीताल उच्च न्यायालय और राज्य सरकार की ओर से कुंभ मेला के लिए जारी एसओपी के अनुसार कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। इसके बिना किसी को भी हरिद्वार में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए मेला अधिष्ठान ने बुधवार से ही सीमाओं पर जांच शुरू कर दी। बगैर जांच रिपोर्ट के हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को बार्डर से वापस भेजा जा रहा है। सभी चेक पोस्ट पर अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। सीमा पर जांच केंद्र भी बनाए गए हैं।
12, 14 और 27 अप्रैल को होंगे शाही स्नान
दो अप्रैल से अखाड़ों में धर्मध्वजा लगाने और पेशवाई निकालने का दौर भी शुरू हो जाएगा। शाही स्नान 12, 14 और 27 अप्रैल को होंगे, जबकि पर्व स्नान 13 और 21 अप्रैल को होंगे। 12 और 14 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान में निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले स्नान करेगा। जबकि निर्मल अखाड़ा सबसे आखिर में स्नान करेगा। इन दोनों शाही स्नानों में सभी 13 अखाड़ों के संत-महात्मा और नागा संन्यासी पूरे वैभव के साथ स्नान करेंगे। अन्य किसी को इस दौरान हरकी पैड़ी पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पर्व स्नान में इस तरह की पाबंदी नहीं होगी।