हनुमान अष्टमी: इस दिन भी बजरंगबली की आराधना का फल मिलता है हनुमान जयंती जैसा
Hanuman Ashtami: हनुमान अष्टमी को हनुमानजी ने अहिरावण का वध कर राम-लक्ष्मण को उसकी कैद से मुक्त करवाया था।
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Publish Date: Fri, 28 Dec 2018 02:23:50 PM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Dec 2018 04:21:24 PM (IST)
मल्टीमीडिया डेस्क। महाबली हनुमान को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अनन्य भक्त माना जाता है। उनको धरती पर अमरत्व का वरदान प्राप्त है। रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक, इंसानी जीवन को कठिनाई से उद्धार देने वाले पवनपुत्र को दुष्टों को दंड देने वाला और संहारक माना जाता है। भगवान राम की भक्ति के प्रसंग में उन्होंने कई बार श्रीराम के सानिध्य में शत्रुओं का संहार किया और युद्ध में विजय का वरण किया। इसलिए सनातन संस्कृति में कई पर्व हनुमानजी को समर्पित है।
बजरंगबली की आराधना का एक ऐसा ही पर्व है हनुमान अष्टमी। अष्टमी तिथि का यह पर्व केसरीनंदन हनुमानजी की विजय उत्सव का पर्व है। शास्त्रकथा के अनुसार श्रीराम-रावण के बीच जब लंका का युद्ध चल रहा था उस वक्त अहिरावण ने श्रीराम और रावण का अपहरण कर लिया था और दोनों भाइयों को लेकर वह पाताल लोक चला गया था।
वह श्रीराम और लक्ष्मण दोनों की बलि पाताल लोक की देवी कामाक्षी को देना चाहता था। जह हनुमानजी को प्रभु श्रीराम और भाई लक्ष्मण के अपहरण और अहिरावण के इरादों का पता चला तो हनुमानजी उसको खोजते हुए पाताल लोक तक चले गए और अहिरावण का वध कर श्रीराम और लक्ष्मण को मुक्त करवाया।
महाबली हनुमान ने अहिरावण पर विजय पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को की थी। उस वक्त भगवान राम ने हनुमान को वरदान दिया था कि जो भक्त हनुमान अष्टमी को बजरंगबली की आराधना करेगा उसकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी।
इस अवसर पर हनुमान मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ रहती है। भक्त अपनी श्रद्धानुसार अंजनीलाल की भक्ति करते हैं और हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक और बजरंगबाण से उनकी स्तुति करते हैं।