Gita Jayanti 2023: तीन शुभ योग में आज मनेगी गीता जयंती, जानिए पूजा विधि, व्रत का महत्व
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी (मोक्षदा एकादशी) को मनाई जाती है गीता जयंती। शिव, सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग में मनेगी। मान्यता है कि इस दिन गीता का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 22 Dec 2023 09:00:22 AM (IST)
Updated Date: Fri, 22 Dec 2023 09:27:08 AM (IST)
HighLights
- गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना शुभ माना जाता है।
- इस मौके पर कई लोग व्रत भी रखते हैं।
- इस दिन गीता के उपदेश पढऩे और सुनने का खास महत्व होता है।
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुई वार्तालाप ने भगवत गीता को जन्म दिया था। सनातन धर्म में यह इकलौता ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती शुक्रवार को पड़ रही है। गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को मनाई जाती है। पंडित विनोद गौतम ने बताया कि मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी 22 दिसंबर को सुबह 8.15 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन 23 दिसंबर को सुबह 7:10 बजे तक होगी।
शुभ योग
इस साल गीता जयंती पर तीन बड़े ही शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग रहने वाला है।
शिव योग- 22 दिसंबर को सुबह 11.11 बजे से सुबह 09:08 बजे तक है।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 07:09 बजे से रात 09:36 बजे तक रहेगा।
रवि योग- सुबह 07:09 बजे से रात 09:36 बजे तक।
पूजा विधि
गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना शुभ माना जाता है। इस दिन घरों और मंदिरों में भगवान कृष्ण और श्रीमद्भगवद्गीता की पूजा होती है। इस मौके पर कई लोग व्रत भी रखते हैं। इस दिन गीता के उपदेश पढऩे और सुनने का खास महत्व होता है। इस दिन गीता का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। गीता जयंती के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को वस्त्र या अन्न का दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। गीता को गीतोपनिषद के नाम से भी जाना जाता है। गीता के उपदेशों को आत्मसात और अनुसरण करने पर समस्त कठिनाइयों और शंकाओं का निवारण होता है। कहते हैं कि गीता में बताई गई बातों को अपने जीवन में शामिल करने से निश्चित ही इंसान की तकदीर संवर जाती है।
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