Gayatri Jayanti 2023: हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन गायत्री की उत्पत्ति हुई थी। गायत्री मां काली, लक्ष्मी और सरस्वती माता का प्रतिनिधित्व करती हैं। वेद माता गायत्री जन्मोत्सव (Gayatri Jayanti 2023) के दिन विधि विधान के साथ पूजा करने से मन की हर मुराद पूरी होती है और तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि गायत्री माता की आराधना करने से मानसिक शांति मिलती है और घर में सुख-समद्धि आती है। आइये जानते हैं गायत्री जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त -
एकादशी तिथि आरंभ - 30 मई, दोपहर 01: 07 बजे से
एकादशी तिथि समापन - 31 मई, दोपहर 01: 45 मिनट तक
गायत्री जयंती की तिथि - 31 मई 2023
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति मां गायत्री की पूजा करता है उसे तीन देवियों - लक्ष्मी, सरस्वती और मां काली का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं गायत्री जयंती के दिन वेद माता की उपासना करने से छात्रों को अपने करियर में सफलता मिलती है। इस दिन सभी छात्रों को गायत्री मंत्र का 108 बार जाप जरूर करना चाहिए।
गायत्री मंत्र - ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र - महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
सरस्वती गायत्री मंत्र - सरस्वत्यै विद्महे ब्रमपुत्रयै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र- ॐ कालिकायै च विद्महे, श्मशानवासिन्यै धीमहि, तन्नो काली प्रचोदयात्।
गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से पहले करना शुभ माना जाता है। मंत्र का जाप दोपहर के समय भी कर सकते हैं। गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। पीले रंग के कपड़े पहनकर इस मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है। गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
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