Ganpati Visarjan 2023: हर साल हिंदू माह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। दस दिनों तक चलनेवाले इस त्योहार का समापन 28 सितंबर होगा। हिन्दू धर्म में गणपति की पूजा के साथ ही उनके उचित विसर्जन भी बड़ा महत्व है। इस अनुष्ठान में भगवान गणपति की मिट्टी की मूर्तियों को जल निकायों में विसर्जित किया जाता है, जो देवता की अपने घर वापसी यानी कैलाश पर्वत पर प्रस्थान करने का प्रतीक है। हिन्दू परिवारों में गणपति बप्पा सिर्फ आने वाले भगवान नहीं हैं, बल्कि परिवार के एक सदस्य होते हैं, जो हर साल अपने भक्तों के घरों में कुछ दिनों के रहते हैं और फिर वापस अपने निवास के लिए प्रस्थान करते हैं। आइये इंदौर के पंडित प्रफुल्ल शर्मा से जानते हैं गणपति विसर्जन की तिथि और शुभ मुहूर्त...
तीसरे दिन (21 सितंबर)
प्रातःकाल का शुभ मुहूर्त - सुबह 05:37 बजे से सुबह 07:08 बजे तक
अमृत मुहूर्त - सुबह 10:11 बजे से दोपहर 02:44 बजे तक
शाम का अमृत मुहूर्त - शाम 05:47 बजे से रात 08:44 बजे तक
5वें दिन (23 सितंबर)
प्रातःकाल का शुभ मुहूर्त - सुबह 07:08 बजे से 08:39 बजे तक
दोपहर का अमृत मुहूर्त - सुबह 11:41 बजे से शाम 04:14 बजे तक
सायंकाल लाभ मुहूर्त - शाम 05:45 से शाम 07:14 तक
रात्रि शुभ मुहूर्त - रात 08:43 से रात 01:10,
7वें दिन (25 सितंबर)
प्रातःकाल अमृत मुहूर्त - सुबह 05:38 बजे से सुबह 07:09 बजे तक
दोपहर का अमृत मुहूर्त - दोपहर 01:11 से दोपहर 05:43 तक
सायंकाल मुहूर्त - शाम 05:43 से रात 07:12 तक
11वें दिन (28 सितंबर)
प्रातःकाल शुभ मुहूर्त - सुबह 05:39 बजे से सुबह 07:09 बजे तक
दोपहर अमृत मुहूर्त - सुबह 10:09 बजे से दोपहर 02:39 बजे तक
शाम शुभ मुहूर्त - शाम 04:10 बजे से रात 08:40 बजे तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - रात 11:40 से 01:10 रात, 29 सितंबर
गणपति की मूर्ति को जब हम अपने घरों में लाते हैं और प्राण प्रतिष्ठा करते हैं, तो मंत्रों के माध्यम से गणपति का आह्वान किया जाता है। लेकिन हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जो भी पृथ्वी पर आया है या इस ग्रह पर पैदा हुआ है, उसका जाना भी जरुरी है। गणपति विसर्जन जन्म और मृत्यु के इसी चक्र का प्रतीक है। अनुष्ठान और परंपराओं के आधार पर विसर्जन 3, 5, 7 और 11वें दिन किया जा सकता है। गणपति विसर्जन में भगवान गणेश की मूर्ति की विदाई दी जाती है और उसे जल में विसर्जित किया जाता है।