Dussehra 2022: दशहरा या विजयादशमी का पर्व भगवान श्री राम द्वारा रावण पर विजय प्राप्त कर उसके वध के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रावण का पुतला भी इसलिए जलाया जाता है कि अन्याय पर न्याय की विजय हुई है। हिंदू धर्म में विजयादशमी के पर्व का काफी महत्व है। हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस साल दशमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है। ये तिथि 05 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार विजयदशमी का पर्व 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दशमी तिथि की शुरुआत - 04 अक्टूबर 2022 दोपहर 02:20 से
दशमी तिथि समाप्ति - 05 अक्टूबर 2022 दोपहर 12 बजे
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ - 04 अक्टूबर 2022 रात 10:51 से
श्रवण नक्षत्र समाप्ति - 05 अक्टूबर 2022 रात 09:15 तक
विजय मुहूर्त - 05 अक्टूबर 2022 दोपहर 02:13 से 02:54 तक
दशहरे के दिन छात्र लाल रंग की पताका घर पर बनाएं या बाजार से बनी बनाई पताका को लाकर किसी हनुमान मंदिर में स्वयं लगा दें या फिर वहां के पुजारी को इसे लगाने के लिए सौंप दें। इससे आपको करियर में लगातार सफलताएं प्राप्त होंगी।
अगर आप डिप्रेसिव महसूस करते हैं या फिर कोई अज्ञात भय आपको सताता है तो दशहरा से लेकर शरद पूर्णिमा तक रोज रात में चंद्रमा के दर्शन करें। चंद्रमा की रोशनी में थोड़ी देर बैठकर उनसे मन ही मन अपने मन की बात कहें। चंद्रदेव की कृपा से सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
दशहरे के दिन शमी के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से सदैव विजय प्राप्त होती है। यदि जमीन या नौकरी से जुड़े कोई मुकदमे चल रहे हैं तो उसमें आपकी जीत होगी।
दशहरे के दिन हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। हनुमान जी को वैसे तो लड्डू का भोग लगाया जाता है। लेकिन विजय की कामना के लिए गुड़ और चने का ही भोग लगाएं। विजयादशमी के दिन कुछ द्रव्य दान भी करना चाहिए।
Sharadiya Navratri 2022: नवरात्रि पर इस तरह करें कलश स्थापना, प्रसन्न रहेंगी मां दुर्गा
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'