Ganesh Visarjan 2023 Niyam: भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। हर साल 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान बप्पा की मूर्ति घर-घर में विराजित की जाती है। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन किया जाता है और उनसे अगले साल फिर आने की प्रार्थना की जाती है। किसी भी मांगलिक कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे वे पूजा में आने वाली सारी बाधाओं को हर लेते हैं। बप्पा को डेढ़, तीन, पांच अथवा सातवें दिन भी विसर्जित किया जा सकता है। भगवान गणेश की विसर्जन करते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
बप्पा का विसर्जन से पहले उनकी विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए। बप्पा को लाल चंदन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप अर्पित करें। भगवान गणेश की आरती करें। संभव हो तो हवन भी कर सकते हैं। बप्पा को उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाएं। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश अपने घर लौटते हैं। ऐसे में उन्हें कुछ न कुछ देकर ही विदा करना चाहिए। विसर्जन से पहले बप्पा के हाथ में लड्डू की पोटली जरूर दें।
यदि आपने भगवान गणेश की छोटी मूर्ति स्थापित की थी, तो उसका विसर्जन आप पानी के टब में घर पर ही कर सकते हैं। जब मूर्ति पानी में घुल जाए, तो उसका पानी गमलों में डाल दें। यदि आपने बड़ी मूर्ति स्थापित की है, तो किसी नियत स्थान या तालाब में विसर्जित कर सकते हैं। बप्पा के विसर्जन के समय भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। इस दिन काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए और ना ही बुरे विचार मन में लाना चाहिए।
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