Champa Shashti 2022: चंपा षष्ठी व्रत अगहन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है। चंपा षष्ठी का दिन भगवान शिवजी को समर्पित है। यह त्योहार भोलेनाथ के अवतार खंडोबा को समर्पित है। इस दिन महादेव के मार्कण्डेय रूप की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल चंपा षष्ठी 29 नवंबर मंगलवार को पड़ रही है। इस दिन भक्त खंडोबा की पूजा करते हैं।
कब है चंपा षष्ठी?
पंचांग के अनुसार 28 नवंबर सोमवार को शुक्ल पक्ष में दोपहर 01.35 मिनट से षष्ठी तिथि का आरंभ हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 29 नवंबर को सुबह 11.04 मिनट पर होगा। ऐसे में चंपा षष्ठी का व्रत उदयतिथि के अनुसार मंगलवार को किया जाएगा।
रवि और द्विपुष्कर योग में चंपा षष्ठी
चंपा षष्ठी के दिन रवि और द्विपुष्कर योग बन रहा है। इस दिन ध्रुव योग दोपहर 02.53 मिनट तक है। रवि योग सुबह 06.55 मिनट से 08.38 मिनट तक रहेगा। 30 नवंबर तक सुबह 11.04 मिनट से शाम 06.06 मिनट तक द्विपुष्कर योग रहेगा।
चंपा षष्ठी 2022 पूजा मुहूर्त
- शुभ मुहूर्त: सुबह 06.45 मिनट से 08.05 मिनट तक
- लाभ प्रोत्साहन समय: दोपहर 12.06 बजे से दोपहर 01.26 बजे तक
- अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त: दोपहर 01.26 मिनट से दोपहर 02.46 मिनट तक रहेगा।
चंपा षष्ठी व्रत का महत्व
इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। महादेव की पूजा करने से हमारे पाप मिट जाते हैं। चंपा षष्ठी का व्रत करने से सुख-शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पूर्व जन्म के पाप धुल जाते हैं।
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