Chaitra Purnima 2020: सनातन संस्कृति में चैत्र मास की पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। पूर्णिमा तिथि को तिथियों में शुभ माना जाता है और इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है। इसलिए इस दिन उपवास और देव आराधना से चंद्र ग्रह के दोषों का नाश होकर सुखों की प्राप्ति होती है और मन प्रसन्न रहता है। पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु की आराधना करने का विशेष महत्व है इसलिए पूर्णिमा तिथि को भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस साल चैत्र पूर्णिमा 8 अप्रैल, बुधवार को है।
भगवाान श्रीकृष्ण ने इस दिन रचाया था महारास
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज नगरी में रास उत्सव का आयोजन किया था। इस उत्सव को महारास के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन महाबली हनुमान का जन्म भी हुआ था। इसलिए इस दिन बजरंगबली की आराधना का विशेष महत्व है। चैत्र पूर्णिमा को हनुमान मंदिरों में हनुमानजी के जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से भक्त घर बैठकर हनुमानजी की आराधना कर सकते हैं। श्रद्धा के साथ सात्विक रहकर पवनसुत हनुमान की पूजा करने से घर पर भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा विधिपूर्वक करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। पूर्णिमा तिथि को भगवान सत्यनारायण की कथा करने और उसके श्रवण का भी विधान है।
पूर्णिमा की पूजाविधि
पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के पूर्व उठ जाएं। स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा का संकल्प लें। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी है इसलिए भगवान विष्णु और हनुमानजी दोनों की पूजा करे। पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमानजी का चित्र या प्रतिमा को स्थापित करें। गुड़-चने या बूंदी के लड्डू, पंचामृत, पंचमेवा का भोग लगाकर सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, फूल चढ़ाएं। दीपक और धूपबत्ती लगाएं। अब लाल ऊन के या कुश के आसन पर बैठकर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंगबाण, हनुमान अष्टक में से किसी एक का श्रद्धानुसार सभी का पाठ करें।
भगवान सत्यनारायण की पूजा
एक पाट पर कपड़ा बिछाकर भगवान सत्यनारायण के चित्र या प्रतिमा को स्थापित करें। उनको कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेंहदी , फूल आदि चढ़ाएं। दीपक और धूपबत्ती लगाएं। ऋतुफल, मिठाई, पंचामृत, पंचमेवा आदि का भोग लगाएं। भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करें। आरती के बाद प्रसाद को वितरित कर दें।
चैत्र पूर्णिमा 2020 मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 7अप्रैल , 2020 को 12 बजकर 2 मिनट से
पूर्णिमा समाप्त - 8 अप्रैल 2020 को सुबह 8 बजकर 6 मिनट तक