धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024 Day 2: चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन तप और आचरण की देवी मां ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन देवी मां के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में कमंडल और दूसरे हाथ में तपस्या की माला है। ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन शिववास का विशेष संयोग बन रहा है। इस योग में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से निश्चित और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए, जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
चैत्र नवरात्र की द्वितीया तिथि 10 अप्रैल को शाम 5.32 बजे तक रहेगी। इस समय मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर सकते हैं। नवरात्र के दूसरे दिन प्रीति योग का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा बालव और कौलव करण भी बन रहे हैं।
ज्योतिषियों के मुताबिक, चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन भगवान शिव जगत जननी मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन शिववास यानी भगवान शिव शाम 5 बजकर 32 मिनट तक मां गौरी के साथ रहेंगे। शाम 5 बजकर 32 मिनट पर चैत्र नवरात्र की द्वितीया तिथि भी समाप्त हो जाएगी। शिववास के दौरान रुद्राभिषेक करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'