Bhagwat Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। हर चंद्र मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी श्रीहरि की तिथि है। इस दिन विष्णु भक्तों के साथ विठ्ठल भक्त भी उपवास रखते हैं। एकादशी के अगले दिन व्रत तोड़ा जाता है। इस साल 16 फरवरी को स्मार्त और 17 फरवरी को भागवत एकादशी है।
माघ कृष्ण पक्ष में आज (शुक्रवार) 17 फरवरी को भागवत एकादशी है। 18 फरवरी को द्वादशी और 19 फरवरी को त्रयोदशी है। भागवत एकादशी वारकरी संप्रदाय में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन जातक व्रत रखते हैं। भागवत एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान और आस्था के साथ रखा जाता है। इस व्रत को रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत से अश्वमेध यज्ञ, तपस्या, तीर्थ स्नान और दान से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है। एक साल में 24 एकादशियां आती हैं। इनमें चैत्र से फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में कामदा, मोहिनी, निर्जला, शयनी, पुत्रदा, परिवर्तिनी, पाशंकुशा, प्रबोधिनी, मोक्षदा, प्रजावर्धिनी, जयदा और अमलकी शामिल हैं। वहीं, कृष्ण पक्ष में पापमोचनी, वरुधिनी, अपरा, योगिनी, कामिका, अज, इंदिरा, रम, फलादा, सफला, षटतिला और विजया एकादशी शामिल हैं। एकादशी के दिन व्रत रखने से मनुष्ट के सारे पाप धुल जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का महत्व है।
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