Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा के दौरान रास्ते में है शेषनाग झील, यहां दिखती है नाग की आकृति, जानें क्या है रहस्य
Amarnath Yatra 2022 पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव एक बार देवी पार्वती को अमर कथा सुनाने के लिए अमरनाथ ले जा रहे थे।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 02 Jul 2022 02:13:12 PM (IST)
Updated Date: Tue, 26 Jul 2022 03:36:57 PM (IST)
Amarnath Yatra 2022 । दो साल के लंबे अंतराल के बाद अमरनाथ यात्रा फिर शुरू हो चुकी है और श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हो चुका है। यदि आप भी अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं और बाबा अमरनाथ में आस्था रखते हैं तो यहां स्थित शेषनाग झील के बारे में भी अवश्य जानना चाहिए। दरअसल शेषनाग झील को प्राचीन काल से ही पवित्र माना जाता है। यह झील अमरनाथ गुफा के तीर्थ मार्ग पर स्थित है।
बेहद रहस्यमयी है 250 फीट गहरी शेषनाग झील
ऐसा माना जाता है कि शेषनाग झील 250 फीट से भी ज्यादा गहरी है और हजारों सालों से यह झील अस्तित्व में है। शेषनाग झील से जुड़ा एक ऐसा रहस्य है, जिससे सुनने के बाद हर कोई हैरान रह जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इसी झील में शेषनाग निवास करते हैं। 24 घंटों में एक बार श्रद्धावान लोगों को शेषनाग के दर्शन भी होते हैं। सबसे हैरानी वाली बात तो ये है कि झील में शेषनाग की आकृति साफ दिखाई देती है। ये आकृति पानी पर उभरकर आती है, जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है।
शेषनाग झील को लेकर धार्मिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव एक बार देवी पार्वती को अमर कथा सुनाने के लिए अमरनाथ ले जा रहे थे। भगवान शिव चाहते थे कि इस अमर कथा को कोई भी न सुने क्योंकि जो भी इस अमर कथा को सुनेगा वह अमर हो जाएगा। इस दौरान भगवान शिव ने अनंत सांपों -नागों को अनंतनाग में और बैल नंदी को पहलगाम में और चंद्रमा को चंदनवाड़ी में ही छोड़ गए थे। सिर्फ शेषनाग ही उनके साथ आगे तक गए थे। इसके अलावा एक धार्मिक मान्यता यह भी है कि शेषनाग ने खुद इस जगह को खोदा और यहां रहने लगे। यहां के निवासियों का तो यह भी कहना है कि शेषनाग आज भी यहां रहते हैं और आज भी इस झील को कोई पार नहीं कर सकता।