Water in Puja Ghar । वास्तु शास्त्र में पूजा घर से जुड़े भी क नियमों का बारे में विस्तार से बताया गया है। यदि आपके घर में भी पूजा घर स्थित है तो कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। वास्तु के मुताबिक पूजा घर में जल रखना जरूरी माना जाता है। पूजा घर में तांबे में कलश में जल रखना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा घर में रखे जल का काफी सकारात्मक प्रभाव होता है। पूजा घर में हम पूजन सामग्री के अलावा शंख, गरुढ़ घंटी, कौड़ी, चंदन बट्टी, तांबे का सिक्का, आचमन पात्री, गंगाजल और पानी का लोटा आदि रखते हैं। कुछ लोगों के घरों में लोटे के स्थान पर चांदी या तांबे के कलश भी होते हैं। इसी जल से भगवान की मूर्ति को स्नान कराने के बाद पूजा की जाती है और उस पवित्र जल को घर में छिड़का भी जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि जिस प्रकार पूजा घर में गुरुड़ देव की स्थापना गरुड़ घंटी के रूप में की जाती है, वैसे ही वरुण देव की स्थापना जल के रूप में की जाती है। जल को तांबे के कलश में रखना ज्यादा शुभ माना जाता है क्योंकि तांबे के पात्र में ऐसे गुण होते हैं जो जल को शुद्ध करता है। धार्मिक मान्यता है कि वरुण देव दुनिया की रक्षा करते हैं। पूजा घर में जल में तुलसी के कुछ पत्ते डाल कर रखने से वह जल पवित्र हो जाता है। जल से पूजा स्थल को शुद्ध करने पर देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।