ज्योतिषियों के अनुसार व्यक्ति के हाथ का अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक माना गया है। वहीं चांदी को चंद्र ग्रह का कारक माना गया है। कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ न होने पर चांदी का छल्ला अंगूठे में धारण किया जाता है। अक्सर देखा गया है कि कई बार मेहनत करने के बाद भी कोई फल नहीं मिलता है, तो जीवन में निराशा छा जाती है। ऐसे में यह माना जाता है कि भाग्य साथ नहीं दे रहा है। यदि आपको भी ऐसा लगता है, तो आप लाल किताब के अनुसार चांदी का छल्ला पहनें। परंतु कब और किस अंगुली में यह जरूर जान लें।
1. चांदी का छल्ला हमेशा अंगूठे में पहना जाता है। यह बगैर जोड़ का छल्ला रहता है। चांदी का छल्ला लड़कियों को अपने बाएं हाथ में जबकि लड़कों को अपने दाएं हाथ में पहनना चाहिए।
2. चांदी का छल्ला चंद्रमा का कारक होता है। चंद्रमा से शुक्र ठीक होता है और शुक्र के ठीक होने से बुध ग्रह भी ठीक हो जाता है। यदि आपकी कुंडली में चंद्र, शुक्र, शनि, सूर्य, राहु और बुध का दोष है तो आपको चांदी का छल्ला किसी ज्योतिष से पूछकर पहना चाहिए।
3.चांदी का छल्ला सूर्य और शनि की स्थिति को मजबूत करता है और भाग्य को जागृत करता है। इससे राहु का दोष दूर होता और तब मन शांत रहता है और मस्तिष्क भी ठंडा रहता है।
4. हाथ का अंगूठा शुक्र का कारण है जबकि चांदी चंद्र की कारक है। यदि आपके हाथों की रेखाओं में शुक्र की रेखा ठीक नहीं है तो आप चांदी का छल्ला पहन सकते हैं। शुक्र के ठीक होने से यदि विवाह नहीं हुआ है तो विवाह होने के योग बनते हैं और दांपत्य जीवन सुखपूर्वक गुजरता है।
5. शुक्र ग्रह के मजबूत होने से जीवन में सभी तरह की सुख और सुविधाएं प्राप्त होती हैं और जातक का समाज में भी प्रभाव बढ़ता है। चांदी का छल्ला पहनने से बुध ग्रह भी ठीक हो जाता है क्योंकि यह शुक्र का मित्र ग्रह है। बुध के दोष समाप्त होने से करियर, नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है।
डिसक्लेमर
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