Shukra Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी 9 ग्रहों का अपना स्वभाव और गुण होता है, उन्हीं के अनुसार वे फल प्रदान करते हैं। कुंडली में ग्रह की स्थिति के हिसाब से व्यक्ति पर उसका शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। शुक्र देव वृष और तुला राशि के स्वामी हैं। इन्हें सुख, संपदा और ऐश्वर्य का कारक माना जाता है। शुक्र देव हमारे जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख को प्रभावित करते हैं। भोपाल के ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखार्विंद पोद्दार विनोद जी से जानते हैं शुक्र के शुभ-अशुभ प्रभावों के बारे में।
शुक्र देव के अशुभ प्रभाव
-घर की दक्षिण-पूर्व दिशा के दूषित होने से भी शुक्र ग्रह खराब फल देने लगता है।
-अनैतिक या पराई स्त्री से यौन संबंध बनाने से भी शुक्र बुरे प्रभाव शुरू कर देता है।
-कुंडली में शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म।
-यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है।
-पत्नी या पति से अनावश्यक कलह होना शुक्र के खराब होने की निशानी है।
-शारीरिक रूप से गंदे बने रहना, गंदे-फटे कपड़े पहनने से भी शुक्र मंदा हो जाता है।
-घर की साफ-सफाई न रखने से भी शुक्र खराब हो जाता है।
-घर में काले, कत्थई रंगों की अधिकता से भी शुक्र मंदा फल देने लगता है।
-गृह कलह से भी शुक्र अपना फल मंदा देने लगता और धन-दौलत नष्ट हो जाती है।
शुक्र देव के शुभ प्रभाव
-लक्ष्मी की उपासना करें।
-शुक्रवार का व्रत रखें। खटाई न खाएं।
-स्त्री का सम्मान करें, पत्नी को खुश रखें। पराई स्त्री से संबंध न रखें।
-गृह कलह छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ प्रेम से रहें।
-घर को वास्तु अनुसार ठीक-ठाक रखें।
-चमकीले सफेद वस्त्रों दान करें।
-भोजन का कुछ भाग गाय, कौवे और कुत्ते को दें।
-स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें।
-नित्य स्नान करें शरीर को बिलकुल साफ रखें।
-सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
डिसक्लेमर
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