Shri Shivaya Namastubhyam Mantra: पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी कथा में हमेशा भक्तों से भगवान शिव को जल अर्पित करने के साथ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने को कहते हैं। भगवान भोलेनाथ का यह मंत्री शिव पुराण का मंत्र है, इसे महामृत्युंजय मंत्र के समान ही प्रभावशाली माना जाता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ है कि भगवान श्री शिव को मैं नमस्कार करता हूं। यह भी माना जाता है कि सिर्फ एक बार इस मंत्र का जाप करने से एक हजार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने का फल मिलता है।
पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी कथा में कई बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे बता चुके हैं। भगवान शिव का यह मंत्री बहुत प्रभावशाली बताया गया है। जीवन में सुख-शांति, धन, समृद्धि इस श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जाप से मिलती है। इसके साथ ही जीवन में आने वाली सारी बाधाएं हट जाती हैं। किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप उस कार्य में सफलता प्रदान करने वाला बताया गया है। बीमारी और किसी भी प्रकार के रोग के दौरान इस मंत्र का जप करना भी स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताया गया है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप किया जाता है। इसका जाप हमेशा स्नान के बाद, भगवान के सामने बैठकर शुद्ध मन से करना चाहिए। मंत्र के जाप के दौरान आप ऊन या कुशा का आसान उपयोग कर सकते हैं। अगर आप भगवान शिव को जल अर्पित करते हुए इस मंत्र का जाप करें तो यह और भी फलदायी होता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप आप किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन ब्रह्ममुहूर्त और प्रदोषकाल के समय इसका जाप करना सबसे उत्तम समय माना जाता है। सोमवार और प्रदोष के दिन भगवान शिव को जल अर्पित करते हुए रुद्राक्ष माला से 108 बार इस मंत्र के जाप से एक लाख आठ हजार बार महातमृत्युंजय मंत्र के जाप का फल मिलता है।
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