Shivling Abhishek: सोमवार को शिवलिंग का करें जलाभिषेक, जानिए सही तरीका
Shivling Abhishek: शिवलिंग का अभिषेक हमेशा बैठकर या फिर कमर को झूकाकर ही करना चाहिए।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 08 May 2023 08:09:18 AM (IST)
Updated Date: Mon, 08 May 2023 08:09:18 AM (IST)
Shivling Abhishek Shivling Abhishek: सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन श्रृद्धा भाव से शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। जिन लोगों के विवाह में अड़चन आ रही है या योग्य वर नहीं मिल रहा है वे लोग भी महादेव से अपने वर की कामना के लिए सोमवार का व्रत पूजन करते हैं।
सोमवार के अलावा शिवरात्रि, प्रदोष, सावन के समय भक्त बड़ी संख्याओं में मंदिर पहुंचते हैं और उनकी पूजा करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि महादेव जितनी आसानी से पूजा से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं अगर उनकी पूजा में कोई त्रुटी होती है तो वे नाराज भी हो जाते हैं। इसलिए अगर आप मंदिर में या घर पर
महादेव की पूजा कर रहे हैं और खासकर जलाभिषेक कर रहे हैं तो पहले इसके सही तरीके को जान लिजीए। आइए जानते हैं किस तरह शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है-
हमेशा बैठकर करें जलाभिषेक
मान्यताओं के अनुसार
शिवलिंग का अभिषेक हमेशा बैठकर या फिर कमर को झूकाकर ही करना चाहिए। इसका साथ ही इस बात का भी हमेशा ध्यान रखें कि जलाभिषेक धीमी गति से करें। एकसाथ जल कभी भी ना चढ़ाएं वरना आपको महादेव की भक्ति का फल नहीं मिलेगा और वे नाराज भी हो सकते हैं।
शिवलिंग पर इस धातु के लोटे से चढ़ाएं जल
मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर तांबे या सिल्वर धातु के लोटे से जलाभिषेक करना चाहिए। कई लोग स्टील या फिर पितल के लोटे से जलाभिषेक करते हैं जो कि अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन अगर आप दूध अर्पित कर रहे हैं तो इसके लिए आपको पितल के लोटे का उपयोग करना चाहिए।
दिशा का रखें विशेष ध्यान
अगर आप शिलिंग पर जल चढ़ा रहे हैं तो इस दौरान ध्यान रखें कि आपका मुख उत्तर दिशा तरफ मुख करके करें। पूर्व दिशा को भोलेनाथ के आगमन की दिशा कहा जाता है। इसलिए जलाभिषेक करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें जिससे कि भोलेनाथ के मार्ग में कोई बाधा उत्पन्न ना हो।
परिक्रमा का रखें विशेष ध्यान
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा करने से जल को लांघा जाता है, जो कि अच्छा नहीं माना जाता है। इसीलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा का विशेष ध्यान रखें।