भारतीय ज्योतिष शास्त्र में किसी भी कार्य को करने के लिए मुहूर्त का विशेष महत्व माना गया है। कोई भी शुभ कार्य अशुभ मुहूर्त में नहीं करना चाहिए। किसी कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखा जाना जरूरी होता है। ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ काम करना वर्जित है। राहुकाल दो शब्दों राहु और काल से मिलकर बना है। राहुकाल का शाब्दिक अर्थ हुआ राहु का समय। राहुकाल का संबंध राहु ग्रह से होता है, यह अशुभ फल प्रदान करता है। प्रतिदिन डेढ़ घंटे का समय राहुकाल का होता है। ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय का आठवां हिस्सा राहु का माना जाता है, वही राहुकाल होता है। चलिए जानते हैं कि राहुकाल में वर्जित कार्य एवं उपाय।
राहुकाल में वर्जित कार्य
1.ज्योतिष के अनुसार राहुकाल किसी प्रकार का नया व्यापार, कोई नई योजना या फिर नया काम प्रारंभ नहीं करना चाहिए।
2.राहुकाल में किसी भी प्रकार की यात्रा नहीं करना चाहिए, अगर बहुत आवश्यक नहीं है तो उसे टाल देना चाहिए।
3.ज्योतिष के अनुसार राहुकाल में विवाह, विदाई, फेरे, गृहप्रवेश, सगाई, मुंडन या उपनयन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
4.राहुकाल में किसी भी प्रकार संपत्ति, आभूषण, रूपये-पैसों का लेन-देन या खरीदी-बेची नहीं करना चाहिए।
5. राहुकाल के समय में यज्ञ एवं हवन करना भी वर्जित माना गया है।
राहुकाल के ये हैं उपाय
1.मान लीजिए राहुकाल के समय आपको कोई बहुत आवश्यक कार्य करना है, तो उस समय हनुमान जी महाराज की विधिवत पूजा कर लें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। उसे बाद उनका प्रसाद ग्रहण करके कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। एक चौपाई के अनुसार कहा गया है कि संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
2. यदि राहुकाल के समय में आपका यात्रा करना बहुत आवश्यक है, किसी के जीवन मरण का सवाल है तो आप घर के मुख्य द्वार से निकलने से पहले 10 कदम विपरीत दिशा में चलें। उसके बाद घर से निकलें। राहु का प्रभाव विफल हो जाएगा।
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राहुकाल में यात्रा करने से पूर्व आपको दही, पान या कुछ मीठा खाकर निकलना चाहिए। इनको शुभता का प्रतीक माना जाता है, ये अशुभ प्रभाव को दूर करते हैं।
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