Margabandhu Stotram: सनातन धर्म में किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले उसकी सफलता के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा जाता है। अलग-अलग कार्यों के लिए विशेष स्त्रोत का पाठ किया जाता है, ऐसा ही एक मार्गबन्धु स्तोत्रम् यात्रा के दौरान सुरक्षा और उसकी सफलता के लिए किया जाता है। माना जाता है कि यात्रा को शुरू करने से पहले इस स्त्रोत का पाठ करने से भगवान शिव रक्षा करते हैं। इसके साथ ही आप जिस कार्य के लिए यात्रा कर रहे हैं उसमें भी सफलता प्राप्त होती है। लंबी दूरी की यात्राओं के पहले मार्गबन्धु स्तोत्रम् पाठ जरूर करना चाहिए। यहां पढ़िए पूरा स्त्रोत...
श्री मार्गबन्धु स्तोत्रम्
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
फालावनम्रत्किरीटं
फालनेत्रार्चिषा दग्धपञ्चेषुकीटम् ।
शूलाहतारातिकूटं
शुद्धमर्धेन्दुचूडं भजे मार्गबन्धुम् ॥ 1 ॥
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
अङ्गे विराजद्भुजङ्गं
अभ्रगङ्गातरङ्गाभिरामोत्तमाङ्गं
ओङ्कारवाटीकुरङ्गं
सिद्धसंसेविताङ्घ्रिं भजे मार्गबन्धुम् ॥ 2 ॥
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
नित्यं चिदानन्दरूपं
निह्नुताशेषलोकेशवैरिप्रतापं
कार्तस्वरागेन्द्रचापं
कृत्तिवासं भजे दिव्यसन्मार्गबन्धुम् ॥ 3 ॥
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
कन्दर्पदर्पघ्नमीशं
कालकण्ठं महेशं महाव्योमकेशं
कुन्दाभदन्तं सुरेशं
कोटिसूर्यप्रकाशं भजे मार्गबन्धुम् ॥ 4 ॥
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
मन्दारभूतेरुदारं
मन्दरागेन्द्रसारं महागौर्यदूरं
सिन्दूरदूरप्रचारं
सिन्धुराजातिधीरं भजे मार्गबन्धुम् ॥ 5 ॥
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
अप्पय्ययज्ज्वेन्द्र गीतं
स्तोत्रराजं पठेद्यस्तु भक्त्या प्रयाणे
तस्यार्थसिद्धिं विधत्ते
मार्गमध्येऽभयं चाशुतोषो महेशः ॥ 6 ॥
शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥
इति श्री मार्गबन्धु स्तोत्रम् ||