Love Astrology: प्रेम हर इंसान के जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। ये उसकी स्वाभाविक जरुरत होती है। अगर एक अनुकूल वातावरण मिल जाए तो प्रेम अपने आप ही पनपने लगता है। कभी किसी से थोड़ी बात करने पर, कभी किसी के साथ लंबा समय गुजराने पर तो कभी किसी से पहली मुलाकात के दौरान अचानक एक झटके में आप विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होने लगते हैं। धीरे-धीरे ये सब प्यार में बदल जाता है।
वहीं, कुछ लोगों का जीवन लंबे समय तक नीरस बना रहता है। लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें प्यार नसीब नहीं होता। किसी साथी का सूनापन, किसी के साथ न होने की कमी खलती रहती है। एक वक्त ऐसा भी आता है जब आप खुद को हीन भावना से देखने लगते हैं। आपके अंदर निराशा अपना घर बना लेती है। आप अपने आस-पास के माहौल में लोगों को एक दूसरे के साथ प्यार भरे पल बिताते हुए देखते हैं। लेकिन खुद अकेलपन में रहते हैं। क्या आपने इस बात पर कभी विचार किया है कि आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ? आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा इस संबंध में क्या मायने रखती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा के अनुसार आपका राशिफल ही नहीं बल्कि जीवन का हर पहलू ही प्रभावित होता है। ग्रहों की दशा बताती है कि आपके नसीब में प्यार है या नहीं। आइये जानते हैं कि कुंडली में ऐसे कौन से कारक होते हैं जो प्रेम योग को दर्शाते हैं।
कब मिलेंगे दो दिल
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रेम प्राप्ति में शुक्र, चंद्रमा और मंगल का अहम योगदान होता है। अगर ग्रह आपकी कुंडली में सही स्थिति में हैं तो दिल मिलना तय समझ लीजिए। शुक्र ग्रह स्त्री, पति-पत्नी, प्रेम संबंध, भोग विलास, आनंद का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र और मंगल का योग बन जाता है या इनका आपस में कोई संबंध होता है तो ऐसी स्थिति में आपके जीवन में प्यार होना पक्का है। पंचम और सप्तम भाव के स्वामी यदि एक साथ आ जायें तो यह स्थिति भी प्रेम जीवन के लिये सकारात्मक योग बनाती है। पंचमेश और एकादशेश का एक साथ बैठना भी आपकी कुंडली में प्रेमयोग को दर्शाता है। वहीं, अगर शुक्र की दृष्टि पंचम पर पड़ रही हो या भी वह चंद्रमा को देख रहा हो तो ऐसी दशा में प्यार मिलना संभव है।
कब टूटता है दिल
अभी हमने दिल मिलने वाली स्थितियों के बारे में बात की है। लेकिन कुंडली में कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं जो आपके प्रेम संबंध के टूटने के बारे में बताती हैं। ऐसी स्थिति में आपकी अच्छी खासी लव लाइफ तहस-नहस हो जाती है। आप मायूस हो जाते हैं आपको लगता है जैसे आपकी या उसकी गलती की वजह से ऐसा हुआ जबकि ऐसा नहीं है अपने आपको दोष मत दें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा शनि की दृष्टि से होता है। शुक्र और मंगल के एक साथ होने पर प्रेम योग बनता है लेकिन इस पर शनि की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे में प्रेम संबंध टूट जाते हैं। चंद्रमा में शुक्र की युति से भी प्रेम योग बनता है लेकिन यहां भी शनि की दृष्टि पड़ती है तो एक विष योग बन जाता है। ऐसी स्थिति में ब्रेकअप होने तक की नौबत आ जाती है।