धर्म डेस्क, इंदौर। (Shardiya Navratri 2024) शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा को विशेष भोग अर्पित करना महत्वपूर्ण है। शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से परिवार के सदस्यों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नौ दिनों में अलग-अलग देवी की पूजा का विधान है, इसलिए भोग भी सभी देवियों के लिए अलग-अलग द्रव्यों का लगाया जाता है। माता को शहद, दुर्वा, साबूदाना, दूध, चने, फल, खीर और नवरतन भोग अर्पित किया जाना चाहिए।
शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन मां को गाय के घी से बना हलवा और रबड़ी का भोग अर्पित करना चाहिए।
शारदीय नवरात्र का दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के पूजा का विधान है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाएं।
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजों का भोग लगाने से धन लाभ के योग बनते हैं।
नवरात्र का चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित है। इस दिन देवी मालपुआ का भोग लगाने से मां कुष्मांडा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की उपासना का विधान है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाने से व्यापार और करियर में तरक्की होती है।
शारदीय नवरात्र का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। इस दिन देवी को शहद और फल का भोग लगाएं। इससे धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। मां कालरात्रि को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाने से बिगड़े काम पूरे होते हैं।
नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। देवी को नारियल का भोग लगाने से सभी मुरादें पूरी होती हैं।
शारदीय नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना का विधान है। मां सिद्धिदात्री को हलवा, पूड़ी और खीर का भोग लगाना चाहिए।
माता का भोग या प्रसाद बनाते समय शुद्धता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखें। भोग बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री सही हो। बहुत पुरानी या बासी न हो। हमेशा स्नान करने और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद ही भोग तैयार करें।
किचन में काम करते समय माता रानी का ध्यान करते रहें। किसी की बुराई न करें। प्रसाद बनाते समय जहां तक संभव मौन रहें।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।