
अपने अक्सर शराब पीने वालों को अलग-अलग तरह के तर्क देते हुए सुना होगा। नशे का आदी होने के बाद कोई बुरी संगत को इसके लिए जिम्मेदार बताता है। कोई खुशी या किसी के साथ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। सच तो यह है ये सब व्यक्ति की कुण्डली में मौजूद ग्रहों का प्रभाव होता है। दरअसल कोई व्यक्ति शराब या किसी भी प्रकार का नशा तब करता है जब उसकी कुंडली में चंद्रमा राहु के साथ आर्द्रा, स्वाति अथवा शतभिषा नक्षत्र में होता है। वहीं, राहु की कुछ स्थितियां भी व्यक्ति को नशे का आदी बनाती हैं। आइये जानते हैं उन स्थितियों के बारे में।
1. अगर आपकी कुंडली में राहुल नीच राशि वृश्चिक में हो और चन्द्रमा पर शनि, मंगल, केतु की दृष्टि हो तो व्यक्ति शराब या किसी भी नशे का आदि बन सकता है।
2. ज्योतिषाचार्य विनोद सोनी के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुण्डली में राहु और शुक्र का संबंध बनता है तो व्यक्ति शराब या किसी भी नशीले पदार्थ का आदी बन सकता है। शुक्र नीच का होने पर भी नशीले चीजे का आदी हो जाता है।
इन स्थितियों में होता है बचाव
1.यदि शुक्र ग्रह को मजबूत और शुभ बनाएं तो नशे से मुक्ति मिल सकती है। इसके लिए शुक्रवार के दिन व्रत रख सकते हैं।
2.चन्द्रमा पर गुरू की दृष्टि होने पर व्यक्ति नशीली चीजों के सेवन से मुक्त हो सकता है।
3. शुक्रवार को किसी सुहागन स्त्री को सुहाग सामग्री दान दें ।
4. एक बोतल में ओपल रत्न रख दें। कुछ दिनों तक इस पानी को पिएं तो शराब की लत छूट जाती है।
5. कटैला और ईरानी फिरोजा भी नशे से मुक्ति दिलाने वाला रत्न है।इन दोनों रत्नों पर शनि का प्रभाव होता है जो नशे के प्रभाव को कम कर देता है।
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