नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के अनुरूप व्यवस्थाओं में उतना सुधार नहीं हो पाया, जितना इस संख्या के मान से आवश्यक थे। यही कारण है कि भीड़ बढ़ने पर आए दिन शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ती रहती है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सिंहस्थ 2028 का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।
इसे देखते हुए अब आइआइएम इंदौर भीड़ प्रबंधन का प्लान तैयार करेगा। शुक्रवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर के डायरेक्टर हिमांशु राय के साथ प्रो. हंस मिश्रा, प्रो. सौरभचंद्र, प्रो. अमित वत्स की टीम उज्जैन के महाकाल मंदिर आई।
मंदिर के त्रिनेत्र नियंत्रण कक्ष में कलेक्टर नीरजसिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ सहित विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक ली। टीम ने महाकाल मंदिर का भ्रमण कर प्रवेश, निर्गम द्वार सहित श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध सभी व्यवस्थाओं जैसे पानी, जूते-चप्पल स्टैंड, श्रद्धालुओं की कतार, बैठने के स्थान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रत्येक श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए लगने वाले समय की भी जानकारी ली। ऐसे स्थान भी देखे जहां श्रद्धालुओं के आने और जाने का मार्ग एक ही हो। अब आइआइएम इंदौर भीड़ प्रबंधन को लेकर प्लान तैयार कर उज्जैन कलेक्टर को सौंपेगा।
महाकाल लोक बनने के बाद महाकाल मंदिर से जुड़े आसपास के क्षेत्र में दिनभर जाम जैसी स्थिति बनने लगी है। गोपाल मंदिर, हरसिद्धि के आसपास विभिन्न गलियों में भी पार्किंग और संकरी गलियों से यातायात की व्यवस्था बिगड़ती रहती है। श्रद्धालुओं के लिए परिवहन के साधनों की बढ़ी भरमार से भी शहर में ट्रेफिक जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है। रोडमेप लागू होने से व्यवस्था में सुधार की संभावना है।