नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। श्रावणी पूर्णिमा पर सोमवार को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। बहनें दीर्घायु व मंगल जीवन की कामना से अपने भाई की कलाई पर राखी बांध रही हैं। सर्वार्थसिद्धि योग दोपहर 1.30 बजे से शुरू हो चुका है, जो शाम 7 बजे तक चलेगा। इस तरह कुल साढ़े 5 घंटे श्रवण भगवान के पूजन व राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।
विशिष्ट योग की स्थिति
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया इस बार रक्षाबंधन का पर्व सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र की साक्षी में आया है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वार, तिथि, योग, नक्षत्र, करण का अपना विशेष प्रभाव होता है। जब किसी वार के साथ कोई नक्षत्र विशेष का संयोग होता है तो विशिष्ट योग की स्थिति को निर्मित करता है। ऐसे विशिष्ट योग में पर्व काल व उत्सव विशेष महत्व रखते हैं।
श्रवण नक्षत्र विशेष रूप से पूजनीय
चिंतामन व बड़े गणेश को बंधेगी राखी
चिंतामन गणेश व बड़े गणेश मंदिर में भी रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। चिंतामन गणेश के पुजारी पं.शंकर गुरु ने बताया सुबह 6 बजे भगवान चिंतामन गणेश का अभिषेक पूजन कर विशेष शृंगार किया गया। सुबह 8 बजे आरती के समय भगवान चिंतामन गणेश को लोकमंगल व राष्ट्र में सुख समृद्धि की कामना से राखी बांधी गई।
इसी प्रकार बड़े गणेश मंदिर में अखंड भारत व लोकतंत्र की उन्नति व प्रगति के लिए बड़े गणेश को राखी बांधी गई। देश विदेश में रहने वाली अनेक महिलाएं बड़े गणेश को अपना भाई मानती हैं और हर साल भगवान के लिए राखी भेजती हैं। पुजारी शुभ मुहूर्त में बहनों के नाम व गोत्र के आधार पर बड़े गणेश को राखी बांधते हैं।
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श्रावणी उपाकर्म करेंगे ब्राह्मण, यहां आयोजन
सिंहपुरी के यजुर्वेदीय ब्राह्मण शिप्रा के रामघाट पर श्रावणी उपाकर्म हुआ। पं. उमाकांत शुक्ल के आचार्यत्व में ब्राह्मण हेमाद्री स्नान, दश विधि स्नान, पंचगव्य प्राशन, देव,ऋषि, पितृ तर्पण पश्चात गणेश व सप्तऋषि का पूजन कर नई जनेऊ धारण की गई।
गायत्री शक्तिपीठ पर श्रावणी उपाकर्म का आयोजन हुआ। पश्चात सुबह 9 बजे यज्ञ,चांद्रायण साधना की पूर्णाहुति, रक्षाबंधन तथा पौधारोपण किया गया।
श्री गुरुआश्रम द्वारा गोवर्धन सागर पर श्रावणी उपाकर्म किया गया। आश्रम संचालक आशुतोष शुक्ला ने बताया उपाकर्म संस्कार आचार्य पं.कृष्णेश शुक्ल द्वारा संपन्न कराया गया।