Pandit Pradeep Mishra: पितृ पक्ष में शुभ काम करना चाहिए या नहीं… पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया अपना मत
छत्तीसगढ़ के धमतरी में श्री रूद्रेश्वर महादेव संघ समिति बांसपारा कुकरेल एवं शिव भक्तों के तत्वावधान में ग्राम कांटाकुर्रीडीह में 20 सितंबर से शिव महापुराण कथा का शुभारंभ हुआ। कथा के पहले दिन सीहोर वाले कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि श्राद्ध पक्ष के दौरान शुभ कार्य किए जाने चाहिए या नहीं?
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 21 Sep 2024 10:13:29 AM (IST)
Updated Date: Sun, 22 Sep 2024 12:41:55 AM (IST)
छत्तीसगढ़ के धमतरी में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन हो रहा है। HighLights
- पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त किए जाते हैं कार्य
- इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने की है मान्यता
- समय-समय पर कथावाचक दूर करते हैं भ्रांतियां
नईदुनिया, धमतरी (Pitru Paksha 2024)। कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, यह गलत धारणा है कि पितृ पक्ष में किसी भी सामग्री को खरीदना शुभ नहीं होता है। पितरों का स्मरण कर, जो कार्य किए जाते हैं, वे सदा ही शुभ फलदायी होते हैं।
छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक कथा आयोजन के दौरान उन्होंने कहा कि चाहे वह भजन-कीर्तन हो या अन्य कोई भी कार्य, हृदय से, विश्वास से उस कार्य को करेंगे, तो जीवन में सदा सुख होगा।
Pandit Pradeep Mishra: पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- भगवान कभी रुठते नहीं
- कथाकार प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कपड़ों को रोज जिस तरह झटककर पहना जाता है, उसी तरह मन को भी अहंकार और अभिमान से झटकार दीजिए। जितना अहंकार व अभिमान भीतर रहेगा, परमात्मा उतने ही दूर होते जाएंगे।
- लोग इस भ्रम में जीते हैं कि मंदिर में भगवान शंकर में कुछ नहीं चढ़ाएंगे तो वे रुष्ट हो जाएंगे, लेकिन आप भूल रहे हैं कि भगवान कभी रूष्ट नहीं होते हैं। भगवान शंकर को बेलपत्र और जल चढ़ाओ या नहीं, वे कभी भी रूष्ट नहीं होते हैं।
- मन से शिव का स्मरण करो। भजन व गुणगान कर रहे हो तो भगवान मिलेगा। भगवान शंकर के मंदिर में कभी भी संकोच से मत जाना। भगवान शंकर भोले हैं, जब चाहो, जब रिझाओ वे मिल जाएंगे।
मदिरा और पराई स्त्री नाश ही करेगी
पंडित मिश्रा ने लोगों को मद से दूर रहने की भी सीख दी। उन्होंने कहा कि मदिरा और पराई स्त्री केवल नाश करेगी। नशे करने वालों के पुत्र, पुत्री, पत्नी सहित स्वजन को सम्मान नहीं मिलता। पत्नी को मायके में भी सम्मान नहीं मिलता। मां को सम्मान नहीं मिलता। लोग कहते हैं कि नशेड़ी की मां, पुत्री, पत्नी, पुत्र जा रहे हैं।
भोलेनाथ ने कभी नशा नहीं किया
यह गलत धारणा है कि भोलेनाथ नशा करते हैं। उन्होंने कभी भी नशा नहीं किया। कहा जाता है कि वे भांग पीते हैं, लेकिन शिवपुराण समेत किसी भी शास्त्र में ऐसी कोई बात नहीं लिखी मिलती है। भगवान शंकर तो केवल भगवान राम व कृष्ण के नशे में डूबे थे। पंडित मिश्रा ने कहा कि राज्य शासन सहित पुलिस-प्रशासन के द्वारा नशामुक्ति अभियान चलाया जाता है, वह प्रशंसनीय है।