जब सुकरात ने शिष्य को समझाए शादी करने के फायदे
सुकरात ने अपने शिष्य को समझाया की शादी करने के फायदे ही फायदे हैं।
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Publish Date: Fri, 20 Jul 2018 04:03:20 PM (IST)
Updated Date: Fri, 20 Jul 2018 04:10:04 PM (IST)
मल्टी मीडिया डेस्क । दार्शनिक सुकरात के कई शिष्य थे। उनमें से एक शिष्य इस पसोपेश में था कि उसको शादी करनी चाहिए या नहीं। उसने अपने मित्रों, रिश्तेदारों, सगे-संबंधियों, परिचितों और बुजुर्गों सभी से अपने -अपने ढंग से सलाह ली। किसी ने कहा कि शादी कर लेना और घर बसा लेना। इससे जीवन व्य्वस्थित हो जाएगा। वो अपनी बात के पक्ष में तरह-तरह की दलीलें देते थे।
दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी थे, जो उसको शादी न करने की सलाह देते थे और कहते थे कि शादी में झंझट ही झंझट है इसको करने से ज्यादा इसको निभाने में है।
इतनी सारी सलाह मिलने के बाद शिष्य बड़े धर्मसंकट में पड़ गया कि आखिर क्या करे ? आखिरकार उसने अपने गुरू से सलाह लेने का निश्चय किया। शिष्य का सोचना था कि गुरू ही सही सलाह दे सकते हैं क्योंकि खुद उनका पारिवारिक जीवन बड़ा कष्टकारी था। इसलिए वह ज्यादा व्यवहारिक और सही सलाद दे सकते हैं। शिष्य सुकरात से सलाह लेने आया। सुकरात ने कहा कि 'उसको शादी कर लेना चाहिए। ' शिष्य यह सुनकर बहुत हैरान हुआ और उसने कहा कि ' आपका पारिवारिक जीवन तो ठीक नहीं है और आपकी पत्नी भी बहुत झगड़ालू है और उसने आपका जीना दूभर कर दिया है। फिर भी आप मुझको शादी करने की सलाह दे रहे हैं? '
सुकरात यह सुनकर मुस्कुराए और कहा कि ' यदि तुम्हे शादी के बाद अच्छी पत्नी मिल गई तो तुम्हारा जीवन संवर जाएगा। क्योंकि वह तुम्हारे जीवन में खुशियां लाएगी और उन खुशियों की बदौलत तुम सफलता के नित नए सोपानों को छुओगे। और यदि मेरी पत्नी जेंथिप की तरह कर्कश पत्नी मिल गई तो तुम्हारे जीवन में इतनी समस्याएं हो जाएगी कि तुम मेरी तरह दार्शनिक बन जाओगे। यानी कुल मिलाकर शादी किसी भी तरह से घाटे का सौदा नहीं है। '