Premanand Ji Maharaj: शिव भक्त हैं तो राधा नाम जपें या नहीं… प्रेमानंद महाराज ने बताया उपाय
प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) के प्रवचन सुनकर लोग प्रभावित होते हैं और अपने मन की जिज्ञासा को शांत करने के लिए उनसे प्रश्न पूछने वृंदावन पहुंच जाते हैं। महाराज कहते हैं कि किसी एक भगवान की भक्ति में खुद को रमा लो, लेकिन भक्त का प्रश्न था कि मैं राधा नाम जपना चाहता हूं, लेकिन शिव भक्ति भी नहीं छोड़ना चाहता?
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 28 Sep 2024 11:56:38 AM (IST)
Updated Date: Sun, 29 Sep 2024 07:07:23 AM (IST)
प्रेमानंद महाराज वृंदावन में रहकर प्रवचन करते हैं। (फाइल फोटो) HighLights
- प्रेमानंद महाराज से पास पहुंचा शिव भक्त
- पूछा- शिवजी का नाम जपूं या राधा नाम
- महाराज बोले- शिव कृपा से मिला राधा नाम
धर्म डेस्क, इंदौर (Spiritual News)। धर्मगुरु प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों को भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। वहीं, उनके दरबार में भी लोग अपने प्रश्न लेकर पहुंचते हैं।
ऐसे ही एक मौके पर एक भक्त ने अपना प्रश्न पूछा। भक्त ने बताया, ‘मैं भगवान शिव का परम भक्त रहा हूं। शिवलिंग की रोज सेवा करता हूं। इस बीच, प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन सुने और राधा नाम की शक्ति से भी परिचित हुआ।’
भक्त ने आगे कहा, ‘अब आप करते हैं कि कोई एक नाम पकड़ लो और उसका पूरे भक्ति भाव के साथ स्मरण करोगे, तो ईश्वर की प्राप्त होगी। मैं राधा नाम जपना चाहता हूं, लेकिन शिव नाम भी नहीं छोड़ सकता। मैं क्या करूं?’
राधा नाम प्रिय है, यह भी महादेव की कृपा है: प्रेमानंद महाराज
- प्रेमानंद महाराज ने भक्त का प्रश्न सुना और उत्तर दिया। उन्होंने एक राधा बाबा की कहानी सुनाई। असल में उनका नाम चक्रधर स्वामी था, लेकिन लोग उन्हें राधा बाबा के नाम से जानते हैं।
- राधा बाबा ने बचपन में से शिव भक्ति शुरू कर दी थी। किसी से सुना कि भोले शंकर को भभूत पसंद है, तो चिता की राख उठाई और मंदिर में जाकर लगा दी। तब उन्हें ज्यादा ज्ञान भी नहीं था।
- प्रेमानंद महाराज ने आगे बताया कि चक्रधर स्वामी परम शिव भक्त थे, लेकिन प्राण निकलते समय उनके मुख से राधा-राधा नाम निकल रहा था। यही कारण है कि उनका नाम राधा बाबा पड़ा।
- प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यदि किसी को राधा नाम की धुन लगी है, राधा रानी की भक्ति में मन लगा है, तो यह महादेव की ही कृपा है। इसलिए दोनों को अलग न मानें, बस भक्ति में लगे रहें।
प्रेमानंद महाराज ने बताया, हर बुराई से छुटकारा पाने का फार्मूला
इसी तरह, प्रेमानंद महाराज ने तमाम बुराइयों से दूर होने का उपाय भी बताया। उन्होंने कहा कि बुराइयों से छुटकारा पाना है तो खुद तो तत्पर होना होगा।
लोग कहते हैं कि उनको माया ने पकड़ रखा है, जबकि सच्चाई यह है कि वो माया तो नहीं छोड़ पा रहे हैं। पैसे से प्यार करें आप, महिला से प्यार करें आप, शरीर से प्यार करें आप… और कहें कि हमें माया ने पकड़ रखा है। यदि सांसारिक बुराइयों से पीछा छुड़ाना है, तो प्रयास स्वयं को करना होगा। ईश्वर भक्ति में सच्चा मन लगाइये, बुराइयां अपने-आप दूर होती चली जाएंगी। - प्रेमानंद महाराज