धर्म डेस्क, इंदौर। आचार्य चाणक्य ने जीवन में आने वाली जीवन परेशानियां के निराकरण के लिए चाणक्य नीति ग्रंथ में कई सीख दी है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, चुगलखोर और दूसरों में दोष निकालने वाले लोगों से हमेशा बचकर रहना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने चुगलखोर और हमेशा दूसरों में दोष निकालने वाले व्यक्ति के बारे में ये सीख दी है।
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि चुगलखोर लोगों को कभी भी कोई गुप्त बात नहीं बतानी चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों बताई गई बात कभी भी गुप्त नहीं रह पाती है। जो व्यक्ति दूसरों में हमेशा गलती निकालता है या दूसरों की निंदा करता है, उसके लिए किसी बात को गुप्त रखा पाना बेहद मुश्किल होता है। दूसरों की बुराई करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपना सहयोगी या मित्र नहीं बनाना चाहिए। ऐसे व्यक्ति कभी भी धोखा दे सकते हैं।
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि एक अच्छा इंसान को दूसरों की गुप्त बातें सुनने से भी परहेज करना चाहिए। अन्य लोगों की गुप्त बातें सुनना अच्छे संस्कार में शामिल नहीं होता है। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस प्रकार पराए धन को प्राप्त करने का लोभ चोरी अथवा अपहरण प्रवृत्ति का कारण बनता है, ठीक उसी प्रकार दूसरों की गुप्त बातें सुनना भी एक दोष है। सामाजिक दृष्टि से भी यह बात अच्छा गुण नहीं होता है।
आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि हर स्वामी को अपने सहायक या नौकर के प्रति उदार होना चाहिए। जो स्वामी अपने सेवक के प्रति कठोर होता है, समय आने पर वही नौकर मालिक का विरोधी बन जाता है और मालिक के सभी रहस्य व गुप्त बातें उजागर कर देता है। अनेक बार इन्हीं व्यक्तियों के कारण मालिक का जीवन संकट में घिर जाता है।
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