Chanakya Niti: बच्चों में होंगे ये 5 गुण तो माता-पिता हो जाते हैं भाग्यशाली, जानें आचार्य चाणक्य की सीख
Chanakya Niti बच्चों में अच्छा व्यवहार भी एक आवश्यक गुण है, जिसे चाणक्य जीवन में सफलता के लिए आवश्यक मानते थे
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Wed, 21 Jun 2023 12:10:55 PM (IST)
Updated Date: Wed, 21 Jun 2023 12:10:55 PM (IST)
Chanakya Niti। चाणक्य के अनुसार माता-पिता के लिए उनके बच्चों में पांच गुण होने चाहिए जो उन्हें भाग्यशाली बनाते हैं। ये गुण बुद्धि, शारीरिक ताकत, अच्छा व्यवहार, सौभाग्य और भगवान के प्रति भक्ति है। भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक और अर्थशास्त्री चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में बताया है कि ऐसे बच्चे जो सभी गुणों से सम्पन्न होते हैं, उनके माता-पिता के लिए सौभाग्य और समृद्धि लाते हैं। वह बच्चों के शिक्षण और चरित्र विकास पर जोर देने की जरूरत को बताते हुए उन्हें सलाह देते थे।
बुद्धि का महत्व
बुद्धि जीवन में एक मूल्यवान संपदा मानी जाती है और चाणक्य का मानना था कि बच्चे की बुद्धि उन्हें उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफलता हासिल करने में मदद कर सकती है। शारीरिक ताकत भी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह स्वस्थ रहने में मदद करती है और बच्चों को खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों में उत्कृष्ट होने में समर्थ बनाती है।
अच्छा व्यवहार
बच्चों में अच्छा व्यवहार भी एक आवश्यक गुण है, जिसे चाणक्य जीवन में सफलता के लिए आवश्यक मानते थे। दूसरों के प्रति सभ्यता से व्यवहार करने वाले बच्चे को जीवन में बेहतर संबंध और अवसर मिलते हैं। सौभाग्य भी चाणक्य के अनुसार एक महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने माना कि शुभ दशा में जन्मे बच्चे समृद्ध और सफली जीवन जीते हैं।
बच्चे के मन में भक्ति भाव
आचार्य चाणक्य ने भगवान के प्रति भक्ति की महत्ता पर भी जोर दिया। चाणक्य के मुताबिक भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखने वाले बच्चे को जीवन में खुशहाल और संतुष्ट रखने में मदद मिलती है, क्योंकि वे आध्यात्मिक मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर गाइड किए जाते हैं। चाणक्य की शिक्षाओं में बुद्धि, शारीरिक ताकत, अच्छा व्यवहार, सौभाग्य और भगवान के प्रति भक्ति जैसे गुणों बच्चों में जरूर होना चाहिए, तभी माता-पिता उनकी सफलता और समृद्धि को सुनिश्चित कर सकते हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'