Chanakya Niti: दोस्ती करते समय याद रखें आचार्य चाणक्य की ये सीख, कभी नहीं आएगी मुसीबत
Chanakya Niti मित्रता करते समय यह भली प्रकार से जांच-परख लेना चाहिए कि जिससे मित्रता की जा रही है, उस व्यक्ति में किस तरह के दोष हैं।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Thu, 03 Aug 2023 01:37:32 PM (IST)
Updated Date: Thu, 03 Aug 2023 01:37:32 PM (IST)
सभी साधु-संतों, ऋषि-मुनियों का कहना है कि दुर्जन का संग नरक में वास करने के समान होता है। Chanakya Niti। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जीवन में मित्रों का काफी महत्व होता है, इसलिए मित्रों को चुनाव करते समय बेहद सावधानी रखना चाहिए। किसी भी गलत व्यक्ति की संगति जीवन को बर्बाद कर सकती है। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने यह बात कही है।
दुराचारी दुरदृष्टिर्दुराऽऽवासी च दुर्जनः
यन्मैत्री क्रियते पुम्भिर्नरः शीघ्रं विनश्यति
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, बुरे चरित्र वाले, बेवजह दूसरों को हानि पहुंचाने वाले या गंदे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति के साथ जो पुरुष मित्रता करता है, वह जल्दी ही नष्ट हो जाता है। सभी साधु-संतों, ऋषि-मुनियों का कहना है कि दुर्जन का संग नरक में वास करने के समान होता है, इसलिए मनुष्य की भलाई इसी में है कि वह जितनी जल्दी हो सके, दुष्ट व्यक्ति का साथ छोड़ दे।
आचार्य ने यहां यह भी संकेत किया है कि मित्रता करते समय यह भली प्रकार से जांच-परख लेना चाहिए कि जिससे मित्रता की जा रही है, उस व्यक्ति में किस तरह के दोष हैं। दोषयुक्त व्यक्ति की संगति मुसीबत में डाल सकती है।
समाने शोभते प्रीतिः राज्ञि सेवा च शोभते
वाणिज्यं व्यवहारेषु दिव्या स्त्री शोभते गृहे
आचार्य
चाणक्य के मुताबिक, प्रेम व्यवहार बराबरी वाले व्यक्तियों में ही ठीक रहता है। यदि नौकरी करनी ही हो तो राजा की नौकरी करनी चाहिए। कार्य में सबसे अच्छा काम व्यापार करना है। इसी प्रकार उत्तम गुणों वाली स्त्री की शोभा घर में ही है। अपनी बराबरी वाले व्यक्ति से प्रेम-संबंध शोभा देता है। असमानता सामने आए बिना नहीं रहती, तब प्रेम शत्रुता में बदल जाता है, इसलिए क्यों न पहले ही ध्यान रखा जाए। इसी प्रकार यदि व्यक्ति को नौकरी तथा किसी सेवा कार्य में जाना है तो उसे प्रयत्न करना चाहिए कि सरकारी सेवा प्राप्त हो, क्योंकि उसमें एक बार प्रवेश करने पर अवकाश प्राप्त होने तक किसी विशेष प्रकार का झंझट नहीं रहता।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'