Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने बताया, ऐसे करें सच्चे गुरु की पहचान
Chanakya Niti चाणक्य के अनुसार एक अच्छा गुरु मिल जाए तो जिंदगी संवर जाती है और शिष्य का जीवन बर्बाद होने से बच जाता है।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 03 Jul 2023 12:42:15 PM (IST)
Updated Date: Mon, 03 Jul 2023 12:42:24 PM (IST)
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जीवन में सफलता पाने के लिए सच्चा गुरू होना बेहद जरूरी है। Chanakya Niti। आज देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। ऐसे में आचार्य चाणक्य ने खुद गुरु के रूप में भी बताया है कि कैसे एक व्यक्ति को अपने लिए सही गुरु का चयन करना चाहिए। चाणक्य नीति में बताया है कि सच्चा गुरु वही होता है जो आपको गोविंद से साक्षात्कार करवाता है।
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जीवन में सफलता पाने के लिए सच्चा गुरू होना बेहद जरूरी है। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि सच्चे गुरु के पास अनुभव होता है जो उन्हें अपनी शिष्यों को सही राह दिखाने में मदद करता है। इसलिए, एक सच्चे गुरु की पहचान करने के लिए उनके अनुभव की जांच करें। वहीं सच्चे गुरु की विचारधारा उनके शिष्यों के लिए महत्वपूर्ण होती है। एक सच्चे गुरु के विचार उनके शिष्यों के लिए स्पष्ट होते हैं और उन्हें सही राह दिखाने में मदद करते हैं।
अनुशासन प्रिय होता है गुरु
आचार्य चाणक्य के मुताबिक सच्चा गुरु हमेशा अनुशासन प्रिय होता है। गुरु का अनुशासन शिष्यों को सही राह दिखाने में मदद करता है। जब गुरु अपने शिष्यों को अनुशासन पालन करने में मदद करते हैं तो लक्ष्यों तक पहुंचने में सहायता मिलती है।
संवेदनशील होता है गुरु
एक सच्चे गुरु की संवेदनशीलता का गुण जरूर होता है। शिष्यों के लिए यह बहुत ही जरूरी होता है। जब गुरु अपने शिष्यों के प्रति संवेदनशील होते हैं, तो उन्हें अपनी समस्याओं और चुनौतियों को समझने में मदद मिलती है।
जीवन संवार देता है गुरु
चाणक्य के अनुसार एक अच्छा गुरु मिल जाए तो जिंदगी संवर जाती है और शिष्य का जीवन बर्बाद होने से बच जाता है। सच्चा और अच्छा गुरु वही है जिसे लोभ, मोह और अहंकार जैसे अवगुण न हो और अपने शिष्य के प्रति समर्पित हो और धर्म, नीति का पालन करते हुए अपना कर्म करे। चाणक्य नीति के मुताबिक जैसे पानी को छानकर पिया जाता है, उसी तरह किसी भी व्यक्ति की कथनी-करनी जान कर ही अपना सद्गुरु बनाना चाहिए।
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